महिला को रौंदकर भागे दरोगा-सिपाही, मामले में ASP से दो टूक बात

जिले में गश्त पर निकले पुलिस कर्मियों की गाड़ी ने घर के बाहर सो रही 55 वर्षीय महिला को रौंद दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना बुधवार रात चिल्ला थाना क्षेत्र के सादी मदनपुर मोड़ के पास की है। हादसे के बाद गाड़ी में सवार दरोगा और सिपाही भाग निकले। गाड़ी में शराब और बियर की बोतलें भी मिली हैं।

बांदा जिले में चिल्ला थाने की जिस गाड़ी ने महिला रज्जन देवी की जान ली, उस गाड़ी में न सिर्फ शराब व बीयर की बोतलें ही मिली, बल्कि गाड़ी में चार पुलिस कर्मी सवार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने अपनी एफआईआर में सिर्फ चालक अजय को ही नामजद किया है। इलाकाई लोगों की माने तो चारों पुलिस कर्मी शराब के नशे में धुत थे और लड़खड़ाते हुए घटनास्थल से भागे हैं।

पुलिस के मुताबिक चिल्ला थाने में तैनात एसआई रोशन गुप्ता, सिपाही अजय यादव, सनोज कुमार और जीतेंद्र सिंह सरकारी गाड़ी में रात करीब साढ़े 11 बजे गश्त पर थे। अभी वह थाने से करीब 200 मीटर की दूरी पहुंचे थे कि अचानक यह हादसा हो गया। इसमें सभी सिपाहियों और दरोगा को चोटें आईं हैं। इलाकाई लोगों को पुलिस की कहानी गले नहीं उतर रही है।

बोले कर्मी- पुलिस को फंसा रही पब्लिक
पुलिस की ओर से लोगों को फंसाए जाने की तमाम शिकायतें सुनी गई है, लेकिन यह पहला मौका था, जब गाड़ी में सवार दरोगा और सिपाहियों ने अपने अधिकारियों को बताया कि वे नशे में कतई नहीं थे। उनकी गाड़ी में शराब व बियर की बोतलें कुछ शरारती तत्वों की ओर से डाली गईं हैं।

15 घंटे बाद कराया मेडिकल
घटना बुधवार रात 11 बजे के आसपास की है, जबकि पुलिस ने चारों आरोपी पुलिस कर्मियों का मेडिकल गुरुवार दोपहर दो बजे के आसपास कराया। शुरुआती जांच में आरोपियों की सांस में शराब की कोई दुर्गंध भी नहीं पाई गई है। जिला अस्पताल के डॉ. विनीत सचान ने बताया पुलिस कर्मियों की सांस में एल्कोहल की पुष्टि नहीं हुई है। एल्कोहल जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर लखनऊ भेजा जा रहा है।

कोर्ट में चालक ही न फंसा दे पुलिसिया लिखापढ़ी
मेडिकल के वक्त जिला अस्पताल लाए गए गाड़ी में सवार रहे पुलिस कर्मियों के शरीर पर तो मामूली चोटें दिखाई दे रहीं थी, लेकिन जिस चालक अजय के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है, उसके शरीर में एक खरोंच भी नहीं थी। सूत्रों की माने तो अजय गाड़ी में था ही नहीं, उसके नाम थाने में सिर्फ रवानगी ही दर्ज है। यदि ऐसा हुआ तो कोर्ट में अजय मुकर भी सकता है और पुलिस की लिखापढ़ी संदेह के घेरे में आ सकती है।

तो क्या बिना फिटनेस की गाड़ी से हो रही थी गश्त
गाड़ी में सवार पुलिस कर्मियों के बयानों में भी भिन्नता है, लेकिन उनके अलग-अलग बयान भी पुलिस की कार्य प्रणाली को संदेह के घेरे में ख़ड़ा कर रहे हैं। दरोगा रोशन का कहना है कि ब्रेक फेल होने से हादसा हुआ है तो कुछ कर्मियों का कहना है कि टायर का फटना हादसे का कारण रहा है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस बिना फिटनेस की गाड़ी से गश्त करा रही थी, जो कि भी कर्मियों या फिर राहगीरों के लिए हादसे का कारण बन सकती थी।

सर्किल के सीओ को ही सौंपी जांच
पूरे मामले में पुलिस शुरू से ही सुरक्षात्मक रवैय्या अपनाए हुए है। शायद यही वजह है कि इतनी बड़ी घटना की जांच भी पैलानी सर्किल के सीओ अजय कुमार को, जिनके अंडर में ही चिल्ला थाना आता है, उन्हें ही सौंपी गई हैं। जबकि जानकारों का कहना है कि मामले की जांच सर्किल से हटकर किसी अधिकारी देनी थी, ताकि जांच में पूरी निष्पक्षता रहती।

परिजनों के आने पर होगा पोस्टमार्टम
रज्जन देवी उर्फ रजनी के पति विजय निषाद सूरत में मजदूरी करते हैं। हादसे के समय वह सूरत में थे। बड़ा पुत्र अनिल (30), सुनील (24), सुशील (23), राधा (30), मंजू (26), मोनिका (17) हैं। इसमें सिर्फ सुनील घर में था। शेष भी परिवार के सदस्य सूरत में हैं। विजय निषाद भूमिहीन है। हादसे की जानकारी लगने पर वह परिवार के साथ सूरत से चल दिया है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखाया है। परिजनों के आने पर ही पोस्टमार्टम हो सकेगा।

मंत्री ने दिलाया कार्रवाई का भरोसा
थाना क्षेत्र के सादीमदनपुर मोड़ पर हुए हादसे को लेकर जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद ने घटनास्थल में पहुंचकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एसपी अंकुर अग्रवाल से बात की। उन्होंने परिजनों को दिलासा देते हुए कहा कि दोषी बख्से नहीं जाएंगे। मुआवजा भी दिलाया जाएगा।

मामले में अपर पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा से दो टूक बात

सवाल- चालक की तत्काल गिरफ्तारी क्यो नहीं की गई।
जवाब- सात साल से कम की सजा में गिरफ्तारी का प्राविधान नहीं है।
सवाल- जब गाड़ी में चार लोग थे तो एफआईआर एक पर क्यो।
जवाब- सड़क हादसों के मामलों में सिर्फ चालक ही मुख्य दोषी होता है।
सवाल- गाड़ी सवार पुलिस कर्मियों का मेडिकल देरी से क्यो कराया गया।
जवाब- ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट से 10-12 दिन बाद भी एल्कोहल का पता चल जाता है, इसमें देरी व जल्दी वाली कोई नहीं है।
सवाल- क्या पुलिस की गाड़ी की फिटनेस सही नहीं थी।
जवाब- गाड़ी की टेक्निकल जांच कराकर इसकी पुष्टि की जाएगी।
सवाल- क्या चालक अजय ही गाड़ी चला रहा था।
जवाब- यदि उसने अपना जुर्म छिपाने का प्रयास किया तो और भी फंस सकता है।
सवाल- मामले में अभी तक एफआईआर से आगे कोई कार्रवाई क्यो नहीं हुई।
जवाब- विभागीय जांच चल रही है, दोषी होंगे तो बचेंगे नहीं।

थाने की गाड़ी से महिला को रौंदकर भागे दरोगा-सिपाही
गश्त पर निकले पुलिस कर्मियों की गाड़ी ने घर के बाहर सो रही 55 वर्षीय महिला को रौंद दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना बुधवार की रात चिल्ला थाना क्षेत्र के सादी मदनपुर मोड़ के पास की है। हादसे के बाद गाड़ी में सवार दरोगा और सिपाही भाग निकले। गाड़ी में शराब और बियर की बोतलें भी मिली हैं। इलाकाई लोगों ने पुलिस कर्मियों के नशे में होने का आरोप लगाया है।

शव पोस्टमार्टम के लिए बांदा भेजा
फिलहाल गाड़ी चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। बेटे सुनील ने थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया है कि शराब के नशे में पुलिस कर्मियों ने मां पर गाड़ी चढ़ाई है। चालक सिपाही अजय यादव के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है। बताया जाता है कि गाड़ी में एक दरोगा और तीन सिपाही सवार थे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए बांदा भेज दिया।

थाने से करीब 200 मीटर दूर पुलिस की गाड़ी बेकाबू होने से हादसा हुआ है। रही बात शराब की बोतलों की, तो घटना के दौरान कुछ शरारती तत्वों ने गाड़ी से छेड़छाड़ की है। सीओ सदर अजय कुमार सिंह को जांच सौंपी है।  -लक्ष्मी निवास मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक, बांदा

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