गंगा के जलस्तर में बढ़ाव लगातार बना हुआ है। गंगा का जलस्तर देर शाम चेतावनी बिंदु से 76 सेंटीमीटर नीचे बह रहा था। जलस्तर बढ़ने से शवदाह और गंगा आरती गली व छतों पर हो रही है। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा पार के निचले इलाकों में भी पलायन शुरू हो गया है। बढ़ते जलस्तर के कारण गंगा में नौका का संचालन भी बंद कर दिया है। इस साल गंगा के जलस्तर में यह बढ़ाव छठवीं बार हो रहा है।
जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों और एनडीआरएफ को अलर्ट मोड पर रखा है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 68.34 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर में 10 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था। दोपहर में बढ़ाव की रफ्तार 12 सेंटीमीटर तक पहुंची और शाम को रफ्तार में कर्मी दर्ज की गई।
रात आठ जारी बाढ़ बुलेटिन के अनुसार गंगा का जलस्तर 69.50 मीटर दर्ज किया गया और जलस्तर बढ़ने की रफ्तार आठ सेंटीमीटर प्रतिघंटा रही।
पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 268 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। शुक्रवार की रात को गंगा का जलस्तर 66.82 मीटर था और जलस्तर में 20 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ाव हो रहा था।
गंगा का जलस्तर अचानक बढ़ने के कारण अस्सी से राजघाट के बीच के सारे घाट फिर से जलमग्न हो गए। दशाश्वमेध घाट पर जलपुलिस की चौकी डूब गई और सड़क से महज चार सीढि़यों का फासला ही बचा हुआ है। वाराणसी में गंगा का चेतावनी बिंदु 70.262 मीटर और खतरे का निशान 71.262 मीटर है।
पांच से छह घंटे का करना पड़ रहा इंतजार
बाढ़ के कारण शवदाह करने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। हरिश्चंद्र घाट पर जहां गलियों में शवदाह हो रहा है। वहीं मणिकर्णिका घाट की छत पर शवदाह हो रहा है। मणिकर्णिका घाट पर शवदाह के लिए पांच से छह घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। हरिश्चंद्र घाट का शवदाह स्थल डूबने के कारण गलियों में शवदाह के लिए लाइन लग रही है। नमो घाट पर बना नमस्ते का चिह्न भी पानी में आधे से अधिक डूब चुका है। गंगा का जलस्तर रमना में दाह संस्कार स्थल के करीब पहुंच गया है।
जल्द ही बस्तियों में प्रवेश कर जाएगा पानी
गंगा के जलस्तर में इसी रफ्तार से बढ़ाव जारी रहा तो कुछ ही घंटों में बाढ़ का पानी नालों के रास्ते लंका के तरफ की बस्तियों में घुसने लगेगा। अस्सी नाले से पानी बढ़ने पर कैवल्य धाम, साकेत नगर, रोहित नगर, बटुआ पुरा के नाले के किनारे वाले इलाके प्रभावित होंगे।
मारुति नगर, पटेल नगर, रत्नाकर विहार और काशी पुरम की आबादी भी बाढ़ का पानी घुस सकता है। चिरईगांव ब्लाॅक के ढाब क्षेत्र के सोते में भी अब उफान आने लगा है। रामचंदीपुर रेतापार, रामपुर, मोकलपुर चांदपुर, मुस्तफाबाद में शाम को सोते का पानी मोकलपुर गांव के विमला इंटर कालेज के सामने से मैदानी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है।
मोकलपुर का नखवा गांव अब पानी से घिरने लगा है। उधर गंगा का पानी भी नाले के रास्ते रामचंदीपुर व गोबरहां के निचले हिस्से में प्रवेश कर रहा है। प्रशासन स्तर पर बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है।
डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने छोड़ा घर, पांच हजार प्रभावित
गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया है। तालीमनगर, हिदायतनगर, पुलकोहना, तीन पुलिया, शक्कर तालाब और दीनदयालपुर में वरुणा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। पांच हजार से ज्यादा की आबादी इस समय बाढ़ से प्रभावित है।
अभी तक इन इलाकों में डेढ़ सौ से अधिक लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है और ऊंचे ठिकानों पर रहने के लिए चले गए हैं। इसी तरह पुरानापुल पुलकोहना, रुप्पनपुर, नटुई, दनियालपुर, सलारपुर, चमेलिया बस्ती में भी बाढ़ का पानी दर्जनों मकानों में घुस गया है। लोग अन्य जगहों पर किराए के मकान में गुजर बसर कर रहे हैं।
2012 और 2020 में सितंबर के महीने में जलस्तर पहुंचा था 68 मीटर के पार
इसके पूर्व गंगा का जलस्तर 2012 में 17 सितंबर को 68.17 मीटर और 2015 एक अगस्त को 68.79 मीटर, 2020 में चार सितंबर को 68.67 मीटर और 2023 में चार अगस्त को जलस्तर 68.30 मीटर पहुंचा था।