मुंबई के एक कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया और उनके बेटे के खिलाफ धोखाधड़ी के एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट का निपटारा करते हुए कहा कि पुलिस ने इस बात की जांच नहीं की है कि नौसेना के विमान वाहक पोत विक्रांत को बचाने के लिए उनके द्वारा एकत्र किए गए धन का क्या किया गया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एसपी शिंदे ने विगत सप्ताह जारी एक आदेश में पुलिस को निर्देश दिया है कि मामले में आगे और जांच की जाए।
1961 में नौसेना में किया गया था शामिल
भारतीय नौसेना के विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत को 1961 में नौसेना में शामिल किया गया था। उसने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान की नाकाबंदी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसे 1997 में सेवामुक्त कर दिया गया था। जनवरी 2014 में जहाज को एक ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से बेचा गया।
पूर्व सैनिक की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला
एक पूर्व सैनिक की शिकायत पर अप्रैल 2022 में यहां ट्रांबे थाने में सोमैया और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पूर्व सैनिक ने दावा किया था कि उन्होंने इस अभियान के लिए 2013 में 2,000 रुपये का चंदा दिया था।
शिकायती का आरोप था कि सोमैया ने पोत को बचाने के अभियान में 57 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए थे। उन्होंने दावा किया था कि इस राशि को महाराष्ट्र के राज्यपाल के सचिव कार्यालय में जमा करने के स्थान पर उन्होंने इसका गबन किया। अब यह मामला कोर्ट में है।