अस्पताल में मासूम की मौत के मामले में सीएमएस ने बताया कि परिजनों ने प्लास्टर को काट दिया था। रविवार दोपहर परिजन उसे लेकर आए तो पैर में छाले व सूजन थी, जिस पर बच्ची को भर्ती कर लिया गया था। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है।
कन्नौज जिला अस्पताल के वार्ड में भर्ती बच्ची की सोमवार तड़के इलाज के दौरान मौत हो गई। पिता ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। बच्ची की मौत की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन ने दो सदस्यीय टीम गठित की है।
हरदोई के मल्लावां कोतवाली के राघौपुर कस्बा निवासी विनोद की बेटी रुचि (8) का खेलते समय पैर टूट गया था। विनोद ने 22 मई को जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ को बेटी को दिखाया था, जहां पर डॉक्टर ने प्लास्टर कराने की सलाह दी गई।
दिक्कत बढ़ने पर लेकर पहुंचे थे अस्पताल
इसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने प्लास्टर चढ़ा दिया था और डॉक्टर ने दो दिन बाद बेटी को दिखाने के लिए कहा। इस बीच बेटी के पैर में दर्द बढ़ गया और विनोद ने गांव में ही प्लास्टर कटवा दिया। रविवार को दिक्कत बढ़ने पर विनोद बेटी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा।
न तो डॉक्टर मिले और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी
इमरजेंसी के डॉक्टर ने बच्ची को भर्ती कर इलाज शुरू करा दिया। रात करीब नौ बजे रुचि काे स्वास्थ्य कर्मियों ने हड्डी वार्ड में शिफ्ट कर दिया। विनोद ने बताया कि करीब दो बजे बेटी दर्द से तड़पने लगी। अस्पताल में न तो डॉक्टर मिले और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी।
पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया
सुबह करीब चार बजे बेटी ने दम तोड़ दिया। परिजनो में कोहराम मच गया। शोरगुल सुनकर अस्पताल चौकी प्रभारी राधा मोहन शर्मा मौके पर पहुंचे। विनोद ने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाया, लेकिन पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया। परिजन शव लेकर चले गए।
परिजनों ने प्लास्टर को काट दिया था। रविवार दोपहर परिजन उसे लेकर आए तो पैर में छाले व सूजन थी, जिस पर बच्ची को भर्ती कर लिया गया था। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। -डॉ. शक्ति बसु, सीएमएस