दिल्ली में दो दिवसीय विधानसभा का सत्र बृहस्पतिवार से शुरू हो रहा है। नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी सदन में सरकार की कार्ययोजना पेश कर सकती हैं। कुछ घोषणाएं भी की जा सकती हैं। वहीं, विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। उपराज्यपाल ने भी मुख्य सचिव व वित्त सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि सरकार की ओर से सीएजी की 11वीं रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी जाए।
विपक्ष का आरोप है कि सत्र का एजेंडा क्या है, इस बारे में विधायकों को अवगत तक नहीं कराया गया है। भाजपा नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि सदन में बोलने नहीं दिया गया तो काम रोको प्रस्ताव लाया जाएगा। दो करोड़ लोगों की समस्याओं पर चर्चा करने और सरकार को इन पर जवाब देने के लिए मजबूर किया जाएगा।
विपक्ष आक्रामक रवैया अपनाते हुए कई मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगा। मानसून की बारिश में लगभग 50 लोगों की मौत पर मुख्यमंत्री को मुंह खोलने के लिए मजबूर किया जाएगा। सीएजी की लंबित 11वीं रिपोर्ट को सदन में पेश करने के लिए सरकार पर भाजपा विधायक दबाव बनाया जाएगा।
95,000 गरीबों और वंचितों को राशन कार्ड नहीं देने को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जाएगा। बुजुर्गों को पेंशन, प्रदूषण का बढ़ता स्तर, पानी की समस्य, लचर परिवहन व्यवस्था, छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न करने, जल बोर्ड पर 73000 करोड़ का कर्ज, अस्पतालों के निर्माण में भ्रष्टाचार की पोल सदन में खोली जाएगी। इसका जवाब सरकार से भाजपा विधायक मांगेंगे।