हिंदी और अन्य प्रादेशिक भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए शुरू की गई मुहिम का अब अच्छा खासा असर दिखाई देने लगा है। शीर्ष कोर्ट के करीब 37,000 फैसलों का हिंदी में अनुवाद हो चुका हैं। इसके अलावा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से तमिल, बांग्ला, असमी, बोडो, डोगरी आदि अन्य प्रादेशिक भाषाओं में भी फैसलों का अनुवाद हो रहा है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक मामले की सुनवाई के दौरान फैसलों के हिंदी और अन्य भाषाओं में अनुवाद की चल रही प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। गुरुवार को सीजेआइ चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ जब मुकदमों की सुनवाई कर रही थी तो एक वकील ने अपने केस के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसलों का हवाला दिया।
छात्रों व सभी के लिए मुफ्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले उपलब्ध
कानूनी भाषा में इसे जजमेंट साइटेशन कहते हैं। तभी चीफ जस्टिस ने वकीलों से अनुरोध किया कि वे सुनवाई के दौरान ई-एससीआर (इलेक्ट्रानिक सुप्रीम कोर्ट रिपोर्ट) से फैसलों के न्यूट्रल साइटेशन पेश किया करें। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में ई-एससीआर न्यूट्रल साइटेशन प्रोजेक्ट लांच किया था जिसमें वकीलों, छात्रों व सभी के लिए मुफ्त में सुप्रीम कोर्ट के फैसले उपलब्ध हैं।