वायु प्रदूषण से निपटने और इलेक्टि्रक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम-ई ड्राइव नाम से एक नई स्कीम घोषित की है। जिसमें इलेक्ट्रिक ट्रक, टेम्पो और दोपहिया वाहनों को खरीदने पर फेम-1 और फेम-2 की तरह सब्सिडी भी मिलेगी। इसके साथ ही इस स्कीम के तहत देश भर के 88500 स्थानों पर नए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे।
कैबिनेट ने इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में 62500 किमी लंबी नई सड़कें भी बनाने को भी मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को आयोजित केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जो बड़े फैसले लिए गए है, उनमें पीएम-ई-ड्राइव और ग्रामीण सड़क योजना का नए चरण शामिल है।
इलेक्ट्रिक वाहनों को नए सुधार के साथ सड़कों पर उतारा जाएगा
कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम-ई ड्राइव के तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नया इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ इलेक्ट्रिक वाहनों को नए सुधार के साथ सड़कों पर उतारा जाएगा। जिसमें बैटरी को पहले के मुकाबले और बेहतर बनाने पर जोर है। इस पूरी योजना पर अगले दो सालों में 10500 करोड़ खर्च किए जाएंगे।
पीएम ग्रामीण सड़क योजना के नए चरण का ऐलान
मौजूदा समय में वायु प्रदूषण का बड़ा हिस्सा वाहनों से होने वाला ही होता है। ऐसे में इस पहल से वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कम होने की उम्मीद है। कैबिनेट ने इसके साथ ही दूर-दराज ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने के लिए पीएम ग्रामीण सड़क योजना के नए चरण का ऐलान किया है। जिसमें 62500 किमी लंबी नई सड़को का निर्माण किया जाएगा। इस योजना पर करीब 70 हजार करोड़ खर्च होंगे।
ग्रामीण सड़क योजना का होगा विस्तार
गौरतलब है कि ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत अधिकतर गांव पहले ही सड़कों से जुड़ चुके हैं। बचे हुए जो भी गांव है वह इसमें शामिल होंगे। कैबिनेट ने इसके साथ ही दो हजार करोड़ की मिशन मौसम स्कीम को भी मंजूरी दी है। इसके मौसम अनुमान को और सटीक बनाने से जुड़ी तकनीक और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किया जाएगा। इस दौरान कैबिनेट ने पीएम-ई-बस स्कीम को भी और आसान बनाया है। जिसमें परिवहन निगमों को बस खरीदने के लिए सरकार गारंटी दी जाएगी।