उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि एवं शाही ईदगाह मामले में बुधवार की दोपहर 2 बजे हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। मामले में जस्टिस मयंक जैन की कोर्ट में सुनवाई के दौरान वाद बिंदु तय हो सकते हैं। उधर, मुगल शासक औरंगजेब द्वारा मथुरा से भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में लगाने के मामले में भी सुनवाई की जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की कोर्ट संख्या 71 में श्रीकृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं श्रीकृष्ण जन्म भूमि मामले में पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह की याचिका पर सुनवाई बुधवार दो बजे न्याय मूर्ति मयंक जैन की कोर्ट में सुनवाई की जाएगी। पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म भूमि की 13.37 एकड़ जमीन में से 2.5 एकड़ में बनी मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण का वास्तविक गर्भगृह है।
मस्जिद को हटाकर गर्भगृह को श्रीकृष्ण जन्मभूमि को दिए जाने की अपील कोर्ट से की गई थी। इसमें हाईकोर्ट द्वारा आज सुनवाई के दौरान वाद बिंदू तय होने की संभवना है। जिससे कि पक्षकार ने वर्ष 1968 में हुए समझौता गलत ठहराते हुए उसे खत्म करने की चुनौती भी कोर्ट में दी गई है। ताकि भगवान श्रीकृष्ण का असली गर्भगृह मुक्त हो सके।
उधर, दूसरे वाद में वर्ष 1670 में मुगल शासक औरंगजेब द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को मथुरा से आगरा ले जाकर जामा मस्जिद की सीढ़ियों में लगा देने के मामले में हिंदू पक्षकार ने न्यायालय से सर्वे कराकर मूर्तियों को पुन: मथुरा स्थापित करने की मांग की गई थी। पक्षकार महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस मामले में मुस्लिम पक्ष पार्टी बनना चाहता है। इसका विरोध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मथुरा से आगरा गई भगवान की मूर्ति को पुन: मथुरा में स्थापित की जाए।