नई दिल्ली में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हुई। नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमण्यम ने जानकारी दी कि शासी परिषद की बैठक में बिहार और केरल समेत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया। वहीं 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और उप-राज्यपाल ने बैठक में हिस्सा लिया। विधानसभा सत्र में व्यस्त होने के कारण बिहार के सीएम नीतीश कुमार बैठक में शामिल नहीं हो सके।
बैठक में हिस्सा नहीं लेने वालों का नुकसान
बीवीआर सुब्रमण्यम बताया कि बैठक में शामिल नहीं होने वालों में राज्यों में बिहार, केरल के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पुडुचेरी शामिल हैं। सुब्रमण्यम ने कहा कि अगर उन्होंने भाग नहीं लिया तो यह उनका नुकसान है।
गरीबी को खत्म पर चर्चा
बीवीआर सुब्रमण्यम ने बैठक की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि बैठक में ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी को खत्म करने पर चर्चा हुई। राज्यों के विकास को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है और उसमें कैसे योगदान दिया जा सकता है? इसको लेकर ही यह बैठक आयोजित की गई थी। नीति आयोग के सीईओ ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से प्रतिक्रिया मिलने के बाद आयोग अगले 45 दिनों में ‘विजन इंडिया एट 2047’ दस्तावेज को अंतिम रूप देगा।
ममता के दावे पर सीईओ ने क्या कहा?
ममता बनर्जी के दावे पर सीईओ ने कहा कि उन्होंने दोपहर के भोजन से पहले बोलने का मौका देने का अनुरोध किया था। इसे स्वीकार कर लिया गया था। हालांकि राज्यों के नाम के हिसाब से उनकी बारी दोपहर में आती। जब ममता बनर्जी का समय समाप्त हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बस माइक थपथपाया। इस पर उन्होंने बोलना बंद कर दिया और बाहर चली गईं। हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारी बैठक में शामिल थे।
एफडीआई के लिए प्रतिस्पर्धा करें राज्य
बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन का जिक्र करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने कहा कि पीएम मोदी चाहते हैं कि राज्य एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) के लिए प्रतिस्पर्धा करें, ताकि निवेश सभी राज्यों तक पहुंच सके। बैठक में आबादी के प्रबंधन और गरीबी को समाप्त करने पर भी चर्चा हुई।
गांव स्तर पर गरीबी से निपटने की जरूरत
सुब्रमण्यम के मुताबिक प्रधानमंत्री चाहते हैं कि राज्य जिलों को मजबूत बनाने पर अधिक खर्च करें, ताकि वे विकास को गति दे सकें। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लिए प्राथमिकता के आधार पर गरीबी को खत्म करने का सुझाव दिया। बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमें गरीबी से गांव के स्तर पर निपटने की जरूरत है। आकलन के बाद गांवों को ‘गरीबी से मुक्त’ गांव घोषित किया जा सकता है।