नीति आयोग की बैठक आज, विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्री नहीं लेंगे भाग…

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27 जुलाई को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग की शीर्ष निकाय है। इसमे सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।

विपक्षी दलों के कई सीएम नहीं लेंगे भाग

पीएम मोदी नीति आयोग के अध्यक्ष हैं। शनिवार को होने वाली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विपक्षी दलों के कई मुख्यमंत्रियों ने भाग नहीं लेने का फैसला किया है। कांग्रेस शासित तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों-कर्नाटक के सिद्दरमैया, हिमाचल प्रदेश के सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के रेवंत रेड्डी ने घोषणा की है कि वे बजट में अपने राज्यों के प्रति पक्षपात के कारण नीति आयोग की बैठक में भाग नहीं लेंगे।

इन राज्यों के मुख्यमंत्री भी नहीं होंगे बैठक में शामिल

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक नेता एमके स्टालिन, केरल के सीएम और माकपा नेता पिनराई विजयन के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब और दिल्ली सरकारों ने भी बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया है।

बैठक का ये है उद्देश्य

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक का उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सहभागी शासन और सहयोग को बढ़ावा देना, सरकारी वितरण तंत्र को मजबूत करके ग्रामीण और शहरी दोनों आबादी के लिए जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है। गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विकसित भारत के लिए विजन डाक्यूमेंट पर चर्चा की जाएगी। बैठक में 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में राज्यों की भूमिका पर भी विस्तृत विचार-विमर्श होगा।

नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार नहीं करेंगी ममता

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि वह 27 जुलाई को दिल्ली में नीति आयोग की होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगी। इससे इन अटकलों पर विराम लग गया कि कहीं ममता भी आइएनडीआइए के अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह बैठक का बहिष्कार तो नहीं करेंगी।

दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में ममता ने कहा कि अगर मुझे बैठक में गैर राजग शासित राज्यों के प्रति भेदभाव के अलावा बंगाल और उसके पड़ोसी राज्यों को विभाजित करने की साजिश व भेदभावपूर्ण बजट प्रस्तावों के खिलाफ विरोध दर्ज कराने का मौका मिला, तो मैं ऐसा करूंगी। वरना मैं बैठक से बाहर चली जाऊंगी।

ममता ने कही ये बात

ममता ने कहा कि मुझसे बैठक से सात दिन पहले अपना लिखित भाषण भेजने के लिए कहा गया था, जो मैंने भेज दिया। यह केंद्रीय बजट पेश होने से पहले की बात है। ममता ने कहा कि हेमंत सोरेन भी बैठक में मौजूद रहेंगे। हम उनकी (जो मुख्यमंत्री बैठक में शामिल नहीं होंगे) ओर से बोलेंगे जो वहां मौजूद नहीं होंगे।

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