बिहार में निजी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किए निर्देश

बिहार शिक्षा विभाग ने अब निजी स्कूलों पर नकेल कस दी है। शिक्षा विभाग ने बिना मान्यता वाले सभी निजी स्कूल बंद करने का फरमान जारी कर दिया है, जिस कारण निजी स्कूलों में हड़कंप मच गया। वहीं एडमिशन और रजिस्ट्रेशन को लेकर उन्होंने अपनी गतिविधि तेज कर दी है।

3 दिन में आठ हजार निजी विद्यालयों ने किया आवेदन
शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट स्कूलों को 10 अगस्त तक हर हाल में रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया है। बिहार शिक्षा विभाग के आदेश के बाद रजिस्ट्रेशन के लिए आठ हजार निजी विद्यालयों ने आवेदन किया है। आवेदन करने वाले विद्यालयों ने स्कूल संबंधी सारी जानकारी शिक्षा विभाग के ई-पोर्टल पर अपलोड की।

केवल 12 हजार निजी स्कूल ही राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त
प्राथमिक शिक्षा निदेशक मिथिलेश मिश्र ने पटना स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य में सिर्फ 12 हजार निजी स्कूल ने ही सरकार से मान्यता ली हुई है। जबकि बिना रजिस्ट्रेशन के 40 हजार निजी विद्यालय संचालित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में बगैर सरकार से मंजूरी लिए चल रहे सभी निजी विद्यालय बंद होंगे। ऐसे में इन विद्यालयों में कमजोर वर्ग के बच्चों का नामांकन नहीं हो पा रहा है, जिस कारण सरकार ने सारे निजी विद्यालयों को चेतावनी दी है।

विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन होने से छात्र-छात्राओं को मिलेंगे कई लाभ
गौरतलब है कि विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन होने से उनके छात्र-छात्राओं को भी कई तरह से लाभ होगा। रजिस्ट्रेशन (प्रस्वीकृति) कराने के बाद निजी विद्यालयों को पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को स्थानांतरण प्रमाण पत्र देने का अधिकार मिल जाता है। रजिस्ट्रेशन होने से ऐसे निजी विद्यालयों के बच्चों को केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय एवं सैनिक स्कूल में नामांकन आसान हो जाएगा।

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