बड़े एक्शन की तैयारी: रामनगर में जंगल की जमानों के काले कारोबार की एसआईटी जांच

रामनगर के पुछड़ी में जंगल की जमीन की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त की राज्य सरकार की ओर से एसआईटी जांच कराई जाएगी। बुधवार को नैनीताल की डीएम वंदना सिंह की सिफारिश पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एसआईटी जांच कराने की मंजूरी दे दी। पिछले कुछ सालों से यह शिकायत आ रही थी कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग के अपर कोसी आरक्षित वन क्षेत्र में कुछ लोग जंगल की जमीन पर कब्जा करके 20 से 100 रुपये के स्टांप पेपर पर वन भूमि बेच रहे थे। इस मामले को सबसे पहले अमर उजाला ने अक्तूबर 2022 को प्रमुखता से उठाया था।

जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल ने इस मामले को लेकर एसडीएम रामनगर से प्रारंभिक जांच करवाई गई थी। जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एसडीएम की रिपोर्ट के आधार पर जिला मजिस्ट्रेट नैनीताल ने शासन को आख्या उपलब्ध कराई। इसी के क्रम में वन भूमि/राजस्व भूमि पर अवैध कब्जा किए जाने, स्टांप पेपरों के माध्यम से राजकीय भूमि का क्रय-विक्रय किए जाने तथा प्रकरण में आर्थिक अपराध सहित अन्य अपराध भी सम्मिलित होने की संदिग्धता के दृष्टिगत प्रकरण में विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं।

एसडीएम की जांच में यह हुआ खुलासा
तराई वन प्रभाग और रामनगर वन प्रभाग के जंगल की जमीन पर 151 लोगों ने कब्जा कर लिया है। इनकी ओर से अवैध तरीके से जमीन की स्टांप पर खरीद बिक्री की जा रही है। यहां अब परिवारों की संख्या बढ़कर 564 हो गई है। उत्तर प्रदेश के रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर और उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर से लोग आकर कम मूल्य पर सरकारी जमीन खरीद रहे हैं। कुछ लोग 20, 50 और 100 रुपये के स्टांप पेपर पर जमीन खरीद रहे तो कुछ सादे पेज पर ही जमीन की खरीद कर रहे हैं। जांच के दौरान यह भी तथ्य सामने आया है कि हल्द्वानी वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज के दमुवादूंगा, कुंवरपुर बीट, गोला तराई, बागजाला, गौलापार और बनभूलपुरा इलाके में स्टांप पेपर के जरिये सरकारी जमीनों को खुर्द-बुर्द किया जा रहा है।

Related Articles

Back to top button