रूस ने मंगलवार को भारत में संयुक्त उत्पादन सुविधाएं स्थापित करके रूसी मूल के सैन्य प्लेटफार्मों के स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति में देरी पर भारत की चिंताओं को दूर करने पर सहमति व्यक्त की।
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिखर वार्ता में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ आपूर्ति में देरी का मुद्दा उठाया।
दोनों नेताओं ने यहां 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत-रूस रक्षा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
पुतिन और मोदी इस बात पर बनी सहमति
विनय क्वात्रा ने कहा, दोनों पक्षों में इस बात पर आम सहमति थी कि इस कार्य में तेजी लाई जाएगी, जिसमें भारत में संयुक्त उद्यम साझेदारी स्थापित करना भी शामिल है, ताकि इनमें से कुछ स्पेयर पार्ट्स पर विचार किया जा सके, विशेष रूप से अधिक महत्वपूर्ण स्पेयर पार्ट्स पर, ताकि हम इस चुनौती का सार्थक तरीके से समाधान कर सकें।
भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न रूसी-निर्मित प्लेटफार्मों के पुर्जों की आपूर्ति में रूस की ओर से अत्यधिक देरी हुई है, जिससे भारत में चिंता पैदा हो गई है।
विदेश सचिव मोदी और पुतिन के बीच वार्ता के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
विनय क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और पुतिन दोनों ने सैन्य हार्डवेयर के सह-उत्पादन के बड़े क्षेत्र पर जोर दिया।
नए उपकरण जोड़ना हमारा लक्ष्य- विनय क्वात्रा
उन्होंने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में सह-उत्पादन के कुछ अच्छे उदाहरण हमारे पास पहले से ही हैं और हम इस पर काम करना चाहेंगे तथा सह-उत्पादन के हिस्से के रूप में यदि आवश्यक हो तो नए उपकरण भी जोड़ना जुड़ सके।
रूस पिछले सात दशकों से भारत को सैन्य प्लेटफॉर्म और हार्डवेयर का प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहा है।
एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्ष “प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से मेक-इन-इंडिया कार्यक्रम के तहत रूसी मूल के हथियारों और रक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए स्पेयर पार्ट्स, घटकों, समुच्चयों और अन्य उत्पादों के भारत में संयुक्त विनिर्माण को प्रोत्साहित करने” पर सहमत हुए।
इसमें भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संयुक्त उद्यम स्थापित करने तथा दोनों पक्षों की मंजूरी से तीसरे मित्र देशों को निर्यात करने का भी उल्लेख किया गया है।
यूक्रेन भी रख रहा पीएम मोदी की यात्रा पर नजर
इसमें कहा गया कि इस संबंध में, दोनों पक्षों ने तकनीकी सहयोग पर एक नया कार्य समूह स्थापित करने तथा सैन्य एवं सैन्य तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग की अगली बैठक के दौरान इसके प्रावधानों पर चर्चा करने पर सहमति व्यक्त की।
इसमें कहा गया है कि सैन्य और सैन्य-तकनीकी सहयोग पारंपरिक रूप से भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का आधार रहा है।
भारत की आत्मनिर्भरता की चाहत को देखते हुए साझेदारी वर्तमान में संयुक्त अनुसंधान एवं विकास, सह-विकास और उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं प्रणालियों के संयुक्त उत्पादन की ओर उन्मुख हो रही है।
बयान में कहा गया है कि भारत की आत्मनिर्भरता के जवाब में, यह साझेदारी संयुक्त सैन्य सहयोग गतिविधियों की गति को बनाए रखने और सैन्य प्रतिनिधिमंडल के आदान-प्रदान का विस्तार करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस की अपनी दो दिवसीय यात्रा शुरू की, जिस पर यूक्रेन संघर्ष के कारण पश्चिम की कड़ी नजर है। इसमें कहा गया है कि उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी और प्रणालियों के विकास और संयुक्त उत्पादन पर चर्चा की जाएगी।