आषाढ़ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के महासंयोग पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बुधवार सुबह चार बजे भस्म आरती के दौरान मंदिर के पट खुलते ही पण्डे पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर पंचामृत और फलों के रस से किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया।
कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को नवीन मुकुट धारण करवाया गया। आज के श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि आज भस्म आरती में बाबा महाकाल का श्री गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया, जिसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दिव्य दर्शनों का लाभ लिया, जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल व जय श्री गणेश की गूंज से गुंजायमान हो गया।
अग्नि सुरक्षा व विद्युत सुरक्षा हेतु मंदिर कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह की मंशानुसार मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना के मार्गदर्शन में श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबन्ध समिति द्वारा श्री महाकालेश्वर मंदिर में फायर सेफ्टी व विद्युत सुरक्षा हेतु मंदिर में कार्यरत विद्युत कर्मियों, सुरक्षा गार्डों को मंदिर में अग्निसुरक्षा यंत्र का उपयोग करने तथा किसी घटना के दौरान सावधानियां रखने के संबंध में निर्देश प्रदान किया गए। क्रिस्टल कम्पनी के सीनियर ट्रेनिंग ऑफिसर संजय सुरालकर व मंदिर के सुरक्षा अधिकारी एवं प्लाटून कमांडो दिलीप बामनिया द्वारा ट्रेनिंग दी गई।ट्रेनिंग ऑफिसर द्वारा आग के पाच अलग-अलग प्रकार (ए, बी, सी, डी, और के) को जलने वाले ईधन के प्रकार के विषय में जानकारी दी गई है। साथ में आगजनी होने पर फायर ब्रिगेड के आने से पूर्व रखने वाली सावधानियो के सम्बन्ध में बताया गया।
सबसे पहले कंट्रोल रूम को सूचना देने, वायरलेस का उपयोग नहीं करने, घटना वाले स्थान से ज्वलनशील पदार्थ हटाने व भीड़ को नियंत्रित कर घटना वाले स्थान से दूर ले जाने, मंदिर के अन्य स्थानों की लाइन रूकवाने व विद्युत सुरक्षा के लिए सभी स्थानों के मेन स्विच ऑफ करने (पावर कट करने) आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही अग्निशमन यंत्रों के उपयोग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई।
बामनिया ने बताया कि सभी सुरक्षागार्डों व कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी के दौरान मंदिर में अग्निशामक यंत्र कहां-कहां लगे हैं, उसका पता होना चाहिए। साथ ही ड्यूटी का स्थान बदलने पर भी उस स्थान पर सभी संसाधनों की उपलब्धता का ध्यान रखे। इस दौरान सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, विद्युत प्रभारी निरंजन जोनवाल, इंजीनीयर प्रदीप भाटी, क्रिस्टल कम्पनी के सुपरवाइजर, महिला व पुरुष सुरक्षागार्ड, मंदिर के विद्युत कर्मचारी आदि उपस्थित थे।