आज है अमरीश पुरी की 92वीं बर्थ एनिवर्सरी

बॉलीवुड में जब भी खलनायक की बात होती है तो उसका जिक्र अमरीश पुरी (Amrish Puri) के नाम के बिना अधूरा होता है। उन्होंने अपने हर किरदार को इतनी खूबसूरती से निभाया कि आज भी उन्हें उन भूमिकाओं के लिए याद किया जाता है। अमरीश पुरी के तमाम किरदारों में एक किरदार मोगैम्बो का था जिसमें ढलने के लिए उन्होंने डायलॉग से लेकर हर चीज पर बारीकि से काम किया।

अमरीश पुरी (Amrish Puri) हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े खलनायक में से एक माने जाते थे। उनकी दमदार आवाज और रौबीले अंदाज ने हर किसी को उनका दीवाना बना दिया। अमरीश पुरी के डायलॉग बोलने का लहजा भी इतना अलग था कि वह जो भी कहते, उससे अपने किरदार में एक नयापन लेकर आ जाते।

बॉलीवुड के मशहूर ‘विलेन’ थे अमरीश पुरी

अमरीश पुरी ने अपने करियर में अधिकतर नेगेटिव रोल ही प्ले किए। सही मायनों में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में तब शुरुआत की, जब वह 39 साल के थे। आज उनकी 92वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर हम आपको बताएंगे उनसे जुड़ा एक रोचक किस्सा।

1970 में देव आनंद की फिल्म ‘प्रेम पुजारी’ रिलीज हुई, जिसके साथ ही इंडस्ट्री में एक नया चेहरा भी लॉन्च हुआ। इस मूवी में अमरीश पुरी का रोल कुछ खास तो नहीं था, लेकिन ‘प्रेम पुजारी’ ने उनके लिए बॉलीवुड में एक्टिंग की राह खोल दी। वह भी तब, जब एक्टिंग के जुनून को दिखाने के लिए अमरीश पुरी अच्छी खासी सरकारी नौकरी छोड़ कर आए थे।

दमदार आवाज के लिए जाने जाते थे अमरीश पुरी

22 जून, 1932 को पंजाब में जन्में अमरीश पुरी ने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने कई मूवीज में पिता का भी रोल किया, लेकिन विलेन बनकर उन्होंने अपने किरदारों की जो छाप छोड़ी, उसे कोई नहीं भूल सकता। चाहे दामिनी का ‘इंद्रजीत सिंह चड्ढा’ हो या नगीना का ‘भैरोनाथ’, अमरीश पुरी ने हर किरदार से खौफ भी पैदा किया और एंटरटेन भी किया।

उनकी एक्टिंग की सबसे कमाल बात डरावने एक्सप्रेशन्स के साथ ही सिरहन पैदा करने वाली आवाज भी थी।

‘मोगैम्बो’ के लिए पहली पसंद नहीं थे अमरीश पुरी

अमरीश पुरी की तमाम यादगार फिल्मों में एक मूवी ‘मिस्टर इंडिया‘ थी। इस फिल्म में ‘मोगैम्बो’ का किरदार आज भी लोगों को भुलाए नहीं भुलता। जिस रोल के लिए अमरीश पुरी को हर ओर से तारीफें मिलीं, उसके लिए वह पहली पसंद थे ही नहीं। यहां तक कि ये रोल उन्हें उस वक्त ऑफर हुआ, जब अनुपम खेर (Anupam Kher) के साथ इसी रोल की 60 प्रतिशत शूटिंग हो चुकी थी।

मेकर्स को अनुपम खेर के रूप में ‘मोगैम्बो’ में वो बात नजर नहीं आ रही थी, जो वह देखना चाहते थे। लिहाजा इतनी शूटिंग होने के बाद भी ये रोल अमरीश पुरी को मिला और उसके बाद की कहानी अपने आप में इतिहास है।

नहीं देख पाए थे सूरज की रोशनी

‘मोगैम्बो’ के किरदार में ढलने के लिए अमरीश पुरी ने इतनी मेहनत की कि उन्होंने कई दिनों तक सूरज की रोशनी ही नहीं देखी। वह शूटिंग में इतने व्यस्त रहते थे कि करीब 20 दिनों तक सूरज की रोशनी नहीं देख पाए थे।

खुद डिजाइन करवाए थे ‘मोगैम्बो’ के कॉस्ट्यूम

अमरीश पुरी ने ‘मोगैम्बो’ के रोल के लिए खूब मेहनत की थी। इतनी कि उसके संवाद के साथ ही कॉस्ट्यूम डिजाइन भी उन्होंने ही तय करवाया। ब्लैक आउटफिट में मोगैम्बो का पूरा लुक उन्होंने अपने डिजाइनर माधव के साथ मिलकर तैयार करवाया था। इसके साथ ही मोटी आइब्रो और बिना दाढी वाला लुक भी अमरीश पुरी का ही आइडिया था।

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