बढ़ती उम्र का असर चेहरे पर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। माथे गालों पर नजर आने वाली झुर्रियां चीख- चीख कर आपकी उम्र बताने का काम करती हैं। अगर आप बढ़ती उम्र में भी जवां बने रहना चाहती हैं तो ज्यादा नहीं बस अपनी डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है। कुछ खास न्यूट्रिशन उम्र को थामने में बेहद असरदार होते हैं।
बढ़ती उम्र में भी स्किन को हेल्दी और जवां बनाए रखने के लिए हम क्या नहीं करते। महंगे ट्रीटमेंट्स से लेकर क्रीम तक को ट्राई करने में दोबारा नहीं सोचते, लेकिन क्या आप जानते हैं डाइट में कुछ जरूरी न्यूट्रिशन शामिल कर आप आसानी से बढ़ती उम्र को थाम सकती हैं। जी हां, रोजाना के खानपान में ज्यादा नहीं बस तीन पोषक तत्वों को शामिल कर आप बढ़ती उम्र में भी जवां बने रह सकती हैं।
विटामिन सी
विटामिन सी एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो स्किन को हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। इसके अलावा यह कोलेजन प्रोडक्शन को भी बढ़ाने का काम करता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, कोलेजन का प्रोडक्शन कम होने लगता है, जिसके चलते चेहरे पर झुर्रियां नजर आने लगती हैं। विटामिन सी धब्बों-धब्बों और झाइयों की समस्या दूर करने में भी बेहद असरदार है।
विटामिन सी के स्त्रोत
खट्टे फलों, जैसे- नींबू, संतरा, मौसंबी में विटामिन सी की अच्छी-खासी मात्रा होती है। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी, कीवी, शिमला मिर्च और ब्रोकली भी इसके अच्छे स्त्रोत हैं।
विटामिन ई
बढ़ती उम्र को थामने और चेहरे की चमक को बनाए रखने में विटामिन ई भी बेहद जरूरी न्यूट्रिशन है। यह डैमेज स्किन को रिपेयर करता है और फ्री रेडिकल्स से त्वचा को बचाता है। विटामिन ई त्वचा की नमी को बरकरार रखता है, जिससे ड्राईनेस की समस्या नहीं होती। ड्राईनेस झुर्रियों की बहुत बड़ी वजह है।
विटामिन ई के स्त्रोत
विटामिन ई की पूर्ति के लिए डाइट में नट्स, बीज, पालक, बादाम और एवोकाडो को शामिल करें। वैसे विटामिन ई युक्त ऑयल और क्रीम का भी इस्तेमाल फायदेमंद होता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड
स्किन के लिए तीसरा जो जरूरी न्यूट्रिशन है वो है ओमेगा-3 फैटी एसिड। ओमेगा-3 फैटी एसिड स्किन इन्फ्लेमेशन और रेडनेस को कम करने का काम करता है। साथ ही एजिंग प्रोसेस को भी स्लो करता है। इतना ही नहीं फैटी एसिड्स स्किन को हाइड्रेट रखने के साथ फ्री रेडिकल्स डैमेजिंग से भी बचाने का काम करता है। ड्राईनेस दूर कर यह स्किन को सॉफ्ट रखता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड्स के स्त्रोत
फैटी फिश (सैल्मन, मैकेरल, सार्डिन), अलसी के बीज, चिया बीज और अखरोट ओमेगा- 3 फैटी एसिड्स के बेहतरीन स्त्रोत माने जाते हैं। फि फिश ऑयल सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।