देश की हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से 90 हेलीकॉप्टर थलसेना को और 66 हेलीकॉप्टर वायुसेना को मिलने जा रहे हैं। सरकार के इस कदम से रक्षा क्षेत्र में मेड इन इंडिया को ताकत मिलेगी। एचएएल ने नियमों के तहत सोमवार को नियामक फाइलिंग में सूचित किया कि रक्षा मंत्रालय ने 156 लाइट कांबैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के लिए रिक्वेट फार प्रोपोजल जारी किया है।
सरकार मेक इन इंडिया के जरिये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लगातार प्रयास कर रही है। इसी सिलसिले में 156 हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों को खरीदने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 45 हजार करोड़ रुपये का टेंडर मिला है।
90 हेलीकॉप्टर थलसेना और 66 हेलीकाप्टर वायुसेना को मिलेंगे
इन हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से 90 हेलीकॉप्टर थलसेना और 66 हेलीकाप्टर वायुसेना को मिलेंगे। सरकार के इस कदम से रक्षा क्षेत्र में मेड इन इंडिया को ताकत मिलेगी। एचएएल ने नियमों के तहत सोमवार को नियामक फाइलिंग में सूचित किया कि रक्षा मंत्रालय ने 156 लाइट कांबैट हेलीकॉप्टर (एलसीएच) के लिए रिक्वेट फार प्रोपोजल (आरएफपी) जारी किया है।
टेंडर की कीमत 45 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। इससे पहले इस साल अप्रैल में रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी 97 एलसीए मार्क 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एचएएल को 65,000 करोड़ रुपये से अधिक का टेंडर जारी किया था।
5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उड़ान में सक्षम है प्रचंड
एलसीएच को प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है। प्रचंड 5,000 मीटर (16,400 फीट) की ऊंचाई पर उतर और उड़ान भरने वाला दुनिया का एकमात्र हेलीकाप्टर है। सियाचिन ग्लेशियर और पूर्वी लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसे तैनात किया जा सकता है। यह हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को दागने में भी सक्षम है।