झलोन से तारादेही मार्ग के पुल निर्माण में लगाए गए तीन गुना अधिक मजदूर

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के झलोन से तारादेही, सर्रा मार्ग के बीच कछुआ गति से हो रहे पुल के निर्माण में इतनी तेजी आई कि तीन गुना अधिक मजदूर यहां काम करने लगे और एक हिस्से का स्लैब भी डाल दिया गया।

दमोह जिले के तेंदूखेड़ा विकासखंड के झलोन से तारादेही, सर्रा मार्ग के बीच कछुआ गति से हो रहे पुल के निर्माण में इतनी तेजी आई कि तीन गुना अधिक मजदूर यहां काम करने लगे और एक हिस्से का स्लैब भी डाल दिया गया। यह अचानक इसलिए हुआ कि सुस्त गति से हो रहे काम की अनियमितता उजागर की गई थी और यह बताया कि जिस दिन तेज बारिश हो गई, उस दिन से नदी में बनाया वैकल्पिक मार्ग बंद हो जाएगा और 10 से अधिक गांव के लोगों का आवागमन बंद हो जाएगा। अधिकारी मौके पर पहुंचे तो सच्चाई सामने आ गई।

चार पहुंच मार्गों का एक रास्ता
यह पुल चार पहुंच मार्गों का एक मात्र रास्ता है। इस पुल से होकर झलोन, तेजगढ़ के लोग सर्रा, तारादेही सहित बीच में पड़ने बाले कई गांव के लोग कुछ दिन पहले तक इसी पुल से होकर गुजरते थे,

पुराना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसलिए उसी जगह पर प्रधानमंत्री सड़क विभाग द्वारा नवीन पुल निर्माण का कार्य शुरू किया गया, लेकिन निर्माण एजेंसी ने कार्य की गति बहुत धीमी रखी। जिसके कारण तीन दिन पहले तक मात्र पुल के दो पोरसन ही बने थे, तीसरे का कार्य नीचे से शुरू हुआ था।

जबकि बारिश का अब कोई निश्चित समय नहीं बचा है। इसलिए आवागमन की समस्या बाधित होती देख क्षेत्र के लोगों ने इस समस्या से मीडिया को अवगत कराया और इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया। साथ ही तेंदूखेड़ा एसडीएम अभिनाश रावत को पूरे मामले से अवगत कराया। खबर प्रकाशित होने के बाद तेंदूखेड़ा एसडीएम ने संबंधित विभाग को निर्देश दिए। उसके बाद निर्माण एजेंसी ने कार्य में तेजी दिखाई और 24 घंटे में उतना काम कर दिया, जितना उन्होंने पूरे माह में नहीं किया था।

अधिकारी ने लगाई सत्यता की मुहर
निर्माण एजेंसी को यह जानकारी नहीं थी कि जिस जगह पुल का निर्माण हो रहा है, यदि वह निर्माण बारिश के पहले पूरा नहीं हुआ तो दर्जनों गांव का आवागमन पूरी तरह खत्म हो जायेगा।
लेकिन सैकड़ों लोगों को होने वाली समस्या की खबर प्रकाशित होने के बाद जब प्रधानमंत्री सड़क प्राधिकरण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने भी इस बात को देखा कि पहले से कार्य की गति धीमी रही है और यदि बारिश के पूर्व पुल निर्माण पूरा नहीं हुआ तो कई गांव का दूसरे मुख्य मार्गों से संपर्क पूरी तरह टूट जायेगा। वर्तमान में जो लोग एक जगह से दूसरी जगह नदी से बनाये गये रास्ते से गुजर रहे है। बारिश होते ही नदी में पानी भर जायेगा और आवागमन पूरी तरह बंद हो जायेगा।

24 घंटे चल रहा काम
कुटी के पास पुल का कार्य अब दो दिन से तेजी से शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया की कार्य में पहले की अपेक्षा तीन गुना मजदूर लगे है। जो एक पोरसन खाली पड़ा था, उसमें लोहे की सरिया लगाने के बाद स्लैब भी डल चुका है। यदि इसी तेजी से कार्य चलता रहा तो बारिश के समय पैदल, छोटे दो पहिया वाहनों का आवागमन शुरू हो जायेगा और क्षेत्र के लोग इस पर से आवागमन करने लगेंगे। जबकि तीन दिन पहले तक जो हालत थे, उसके अनुसार तो क्षेत्र के लोगों के अंदर बारिश को देख आवागमन बंद होने की चिंता सताने लगी थी। तेंदूखेड़ा एसडीएम अभिनाश रावत ने बताया कि सही समय पर जानकारी मिल गई थी, इसलिए मैंने प्रधानमंत्री सड़क निर्माण विभाग को मामले से अवगत कराया और शीघ्र कार्य करने के निर्देश दिए। पुल का कार्य अब 24 घंटे जारी है और समय समय पर इनकी मॉनिटरिंग में स्वयं करूंगा। अनुमान यह लगाया जा रहा है की पंद्रह से बीस दिन में पुल से आवागमन शुरू हो जायेगा।

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