जून में सामान्य से दोगुना अधिक चली हीटवेव

इस साल भारत में गर्मी से लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ा है। मौसम विभाग का मानना है कि इस बार देश ने हीटवेव के साथ गर्म दिनों का लंबे समय तक सामना किया है।आईएमडी के आंकड़ों से पता चलता है कि ओडिशा ने सबसे चरम मौसम (Extreme Weather) का अनुभव किया और सबसे ज्यादा दिनों(27)तक भीषण गर्मी का सामना किया और चार्ट में सबसे ऊपर बना रहा।

आसमान से आग बरसाती धूप, झुलसा देने वाली लू और हर दिन चढ़ता हुआ पारा इस बार लोगों को बेहाल कर रखा है। चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी के कारण कई लोगों ने अपनी जान गवां दी। IMD के डेटा से पता चलता है कि मध्य भारत के अंतर्गत आने वाले ओडिशा लगातार 27 दिनों से लू की चपेट में रहकर किसी राज्य में सबसे लंबे समय तक लू चलने का रिकॉर्ड बना चुका है।

जहां ओडिशा अपने इस रिकार्ड के साथ सबसे ज्यादा गर्म दिनों का सामना करने वाले राज्य में सबसे ऊपर बना हुआ है तो वहीं कई राज्य इस लिस्ट में शामिल हैं। 1 मार्च से 9 जून के दौरान दर्ज किए गए लिस्ट में ओडिशा के बाद पश्चिमी राजस्थान (23), गंगीय पश्चिम बंगाल (21 दिन), और दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी यूपी (प्रत्येक 20 दिन) में मौसम अपने चरम पर दिखा। ये संख्याएं इन क्षेत्रों में सामान्य रूप से सालाना होने वाली संख्या से दोगुनी से भी ज़्यादा थीं।

दिल्लीवालों को हीटवेव से अभी राहत नहीं 

इनमें से कई क्षेत्रों में अभी भी लू का प्रकोप जारी है। उदाहरण के तौर पर दिल्ली में 9 जून से लेकर अब तक तीन और दिन लू के देखे गए हैं। दिल्ली में लू के तीन दिनों में  बीता हुआ गुरुवार भी शामिल है, जिससे अब तक कुल 23 दिन लू के दिन हो चुके हैं। आईएमडी ने गुरुवार को कहा कि भारत के उत्तरी भागों में ‘गंभीर लू की स्थिति’ अगले 4-5 दिनों तक जारी रहने की संभावना है।

आपको बता दें कि हीटवेव एक क्षेत्र में सामान्य रूप से अपेक्षित तापमान की तुलना में असामान्य रूप से उच्च तापमान की अवधि है। इसलिए, जिस तापमान पर हीटवेव की घोषणा की जाती है, वह उस क्षेत्र के ऐतिहासिक तापमान के आधार पर जगह-जगह अलग-अलग होती है। 

हिमाचल प्रदेश में भी अब तक 12 दिन चला हीटवेव

आईएमडी द्वारा 1 मार्च से 9 जून तक साझा किए गए डेटा से पता चलता है कि देश के 36 मौसम विज्ञान उपखंडों में से 14 में 15 से अधिक हीटवेव के दिन दर्ज किए गए हैं। ये उपखंड पूरे देश में फैले हुए हैं, जिनमें पूर्वी और उत्तरी भारत सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। यहां तक ​​कि हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी 12 हीटवेव दिन दर्ज किए गए, इसके बाद सिक्किम (11), जम्मू और कश्मीर (6) और उत्तराखंड (2) का स्थान रहा।

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