धोखाधड़ी कर बेची बिहार के पूर्व मंत्री की जमीन

गुरुग्राम। बिहार के पूर्व मंत्री द्वारा अपनी पत्नी के नाम से आठ साल पहले गुरुग्राम में खरीदी गई जमीन को विक्रेता द्वारा ही धोखाधड़ी कर बेचने का मामला सामने आया है। पूर्व मंत्री ने अपनी पत्नी के नाम से वर्ष 2016 में 2160 वर्ग गज जमीन मारुति उद्योग के नजदीक खरीदी थी, जिसके लिए चेक से तीन करोड़ 29 लाख रुपये भी दे दिए थे। आरोप है कि यह जमीन धोखाधड़ी कर किसी अन्य को बेच दी गई। इस संबंध में पूर्व मंत्री रविंद्र चरण यादव की पत्नी प्रमिला कुमारी ने आर्थिक अपराध शाखा गुरुग्राम में शिकायत दी थी। जिस पर इस संबंध में चार आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को ये शिकायत बिहार पटना की रहने वाली महिला प्रमिला कुमार ने दी है। महिला का कहना है कि इनके पति प्रोफेसर रवींद्र चरण यादव 6 बार विधानसभा चुनाव और एक बार लोकसभा चुनाव लड़े हैं। वह 15 साल विधायक व बिहार सरकार में मंत्री भी रहे हैं। साजिश के तहत ठगी और प्रॉपर्टी पर कब्जा करने का आरोप पालम विहार निवासी लोकेश सैनी, इनकी पत्नी, मां और फरीदाबाद निवासी परवीन यादव पर लगाया गया है।

जब इस बारे में प्रमिला व उनके परिवार ने जमीन पर धोखाधड़ी कर कब्जा करने का विरोध किया तो जान से मारने की धमकी दी। यही नहीं 335 वर्ग गज जमीन आरोपी लोकेश सैनी ने आरोपी प्रवीण यादव पिता नरेंद्र सिंह यादव के नाम जीपीए कर दी। प्रवीण के पिता नरेंद्र एचसीएस अधिकारी रहे हैं। महिला प्रमिला कुमारी का कहना है कि उन्होंने साल 2017-18 और 2018-19 के अपने आईटीआर में भी इस प्रॉपर्टी का विवरण दिया। चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में महिला के पति और पूर्व मंत्री ने भी इस प्रॉपर्टी का जिक्र किया। फिर लोकेश सैनी से अक्सर मुलाकात होने लगी तो उसे ही प्रॉपर्टी की देख-रेख के लिए कह दिया।
दिसंबर 2018 में इस 2160 गज जमीन में से गली नंबर 1 में 300 गज जमीन में 5 मंजिल बिल्डिंग में 45 कमरों का गेस्ट हाउस बनाने के लिए 95 लाख रुपये ओम प्रकाश सैनी के नाम पर चेक से दिए। दिसंबर 2018 में ये चेक पेमेंट क्लियर हो गई। 2023 में ये गेस्ट हाउस बनकर तैयार हो गया। आरोप है कि जनवरी 2019 में लोकेश सैनी पर आयकर विभाग और ईडी की रेड हुई तो उनकी कई प्रॉपर्टी सील कर दी गई। ये प्रॉपर्टी शिकायतकर्ता महिला की थी तो यह सील नहीं हुई। महिला का कहना है कि दिसंबर 2021 में इस जमीन में से 700 गज जमीन अंकुश व रोहित को बेची गई। मई 2022 में 312 गज जमीन हरेंद्र गुप्ता को बेची गई। जून 2022 में 210 गज जमीन दलवीर सिंह को और 200 गज राहुल को बेची गई। गाजियाबाद से जीपीए कराई गई और इसमें लोकेश सैनी बतौर गवाह रहा। 2160 गज में से कुल 1422 गज जमीन बेची गई।

सितंबर 2023 में महिला और पूर्व मंत्री गेस्ट हाउस पर पहुंचे तो पाया कि लोकेश सैनी पीजी चला रहा है। आरोप है कि लोकेश सैनी ने धमकी दी कि ये सब कुछ मेरा है। 335 गज जमीन आरोपी लोकेश सैनी ने फरीदाबाद निवासी परवीन यादव के नाम दिखाते हुए फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं। उनसे बात की तो पता चला कि साल 2010 में उन्हें बेची गई। बाकी 103 गज जमीन पर भी लोकेशन ने किसी अन्य के नाम दस्तावेज बनाकर बेचने के आरोप लगाए गए हैं। मामले में आर्थिक अपराध शाखा की टीम की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के बाद अब पालम विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।

पूर्व मंत्री चुनाव आयोग को हलफनामे में गिनवाते रहे प्रॉपर्टी, केयर टेकर करता रहा ठगी

पूर्व मंत्री की ओर से चुनाव आयोग में दाखिल किए जाने वाले शपथ पत्र में अपनी गुरुग्राम की प्रॉपर्टी का जिक्र करते रहे, मगर उनका केयर टेकर उनकी प्रापर्टी पर मौज उड़ाता रहा। आरोप है कि उसने साजिश के तहत प्रापर्टी हड़प ली।

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