पर्यावरण को लेकर सस्टेनेबल प्रैक्टिस वर्कशॉप का आयोजन

नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम और हस्तकला अकादमी ने हाल ही में COHAS ECO FEST के हिस्से के रूप में सस्टेनेबल प्रैक्टिस पर ट्रांसफॉर्मेटिव वर्कशॉप होस्ट किया।

COHAS ECO FEST को देखते हुए ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन ने जागरण कनेक्ट के सहयोग से इस वर्कशॉप का आयोजन किया। इस वर्कशॉप में लगभग 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। यह सभी छात्र पर्यावरण-अनुकूल आदतों को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए काफी उत्सुक नजर आए। 

पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर हुई बातचीत

ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन के फाउंडर सैंडी खांडा ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर बातचीत की। दरअसल, गर्मी का भीषण दौर चल रहा है और दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में हीटवेव अलर्ट जारी है। इसी को देखते हुए सैंडी ने गर्मी और लू को लेकर बात की।

सैंडी ने कहा कि ‘गर्मी की लहरें चरम पर हैं, जिससे हजारों लोग हीट स्ट्रोक से प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि, यह खुशी की बात है कि हम यहां नेशनल क्राफ्ट म्यूजियम में बड़े पेड़ों की छाया में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।’

आने वाले वर्षों में और बढ़ेगा तापमान?

इस बीच ऑल इंडिया CLAT टॉपर और ग्रीन पेंसिल फाउंडेशन की वालंटियर जिगायस ने भी भारत में वायु प्रदूषण के भयानक प्रभावों पर खुल कर बात की। वहीं, फाउंडेशन की एक अन्य रेप्रेसेंटेटिव ज्योत्सना तंवर ने भी बढ़ते तापमान के बारे में चेतावनी दी।

जिगायस ने कहा, ‘भारत में लाखों मौतें वायु प्रदूषण के कारण होती हैं। जीवित रहने के लिए जरूरी हमारी हवा, वनों की कटाई, अवैध निर्माण और कार्बन उत्सर्जन जैसी गतिविधियों के कारण गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।’ ज्योत्सना ने कहा कि, ‘पहले ही अत्यधिक गर्मी के कारण तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुच चुका हैं और आने वाले वर्षों में हम 60 डिग्री तापमान को छूने के बहुत करीब हैं। तत्काल कार्रवाई जरूरी है।’

ऐसे निकाल सकते है समाधान

COHAS के फाउंडर अंकुश राणा ने सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने और एकल-उपयोग प्लास्टिक को कम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। राणा ने समझाया कि ‘सार्वजनिक परिवहन का प्रभावी उपयोग कार्बन को काफी हद तक कम कर सकता है। इसके अतिरिक्त, एकल-उपयोग प्लास्टिक और पॉलीथीन के उपयोग को रोकने से कचरे का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने में मदद मिल सकती है।

जागरण कनेक्ट द्वारा प्रतिभागियों को प्रतिज्ञा कार्ड वितरित करने के साथ ही वर्कशॉप का समापन हुआ। इसके बाद एक क्वीज का भी आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप युवाओं में पर्यावरण चेतना और सतत जीवन पद्धतियों को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हरित भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।

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