गुलाम कश्मीर में कठपुतली सरकार चला रहा है पाकिस्तान

पाकिस्तान के सरकारी वकील ने गुलाम कश्मीर को विदेशी क्षेत्र बताया है। सरकारी वकील ने इस्लामाबाद हाइकोई में एक मामले की सुनवाई करते हुए दावा किया कि गुलाम कश्मीर हमारा नहीं है। आइये जानते हैं कि पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को अपने क्षेत्र से कैसे अलग मानता है और वहां कैसे कठपुतली सरकार चला रहा है। वह गुलाम कश्मीर को कश्मीर का आजाद हिस्सा कहता है।

गुलाम कश्मीर को अपना क्षेत्र नहीं मानता पाकिस्तान तकनीकी तौर पर पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को अपना क्षेत्र नहीं मानता है। वह गुलाम कश्मीर को कश्मीर का आजाद हिस्सा कहता है। पाकिस्तान के संविधान में देश के चार प्रांत:पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनवा का उल्लेख है। गुलाम कश्मीर का इसमें कोई जिक्र नहीं है।

पाकिस्तान की संसद मजलिस ए शूरा में भी गुलाम कश्मीर का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। पाकिस्तान सरकार के पास है सारी ताकत पाकिस्तान गुलाम कश्मीर को दुनिया के सामने एक स्वायत्त राज्य के तौर पर पेश करता है। लेकिन हकीकत में गुलाम कश्मीर के प्रधानमंत्री और प्रशासन के पास कोई ताकत नहीं है।

अदालतें भी पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के अधीन

कहने को गुलाम कश्मीर का शासन आजाद कश्मीर अंतरिम संविधान अधिनियम, 1974 के तहत चलाया जा रहा है। लेकिन गुलाम कश्मीर प्रशासन छोटे-छोटे मामलों को लेकर भी पाकिस्तान सरकार पर निर्भर है। यहां तक कि अदालतें भी पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के अधीन हैं। कश्मीर काउंसिल के जरिये शासन करता है पाकिस्तान वास्तव में गुलाम कश्मीर का प्रशासन कश्मीर काउंसिल के जरिये पाकिस्तान की सरकार चलाती है।

मुजफ्फराबाद गुलाम कश्मीर की राजधानी

कश्मीर काउंसिल में 14 सदस्य नामित किए जाते हैं। इसका प्रमुख पाकिस्तान का प्रधानमंत्री होता है। छह सदस्यों को पाकिस्तान की सरकार नामित करती है और आठ सदस्यों को गुलाम कश्मीर की विधानसभा और सरकार नामित करती है। गुलाम कश्मीर की शासन व्यवस्था गुलाम कश्मीर दो हिस्सो में विभाजित है। एक है गुलाम कश्मीर और दूसरा गिलगित- बाल्टिस्तान। मुजफ्फराबाद गुलाम कश्मीर की राजधानी है।

गुलाम कश्मीर का अपना राष्ट्रपति

गुलाम कश्मीर में 10 जिले हैं। गुलाम कश्मीर का अपना राष्ट्रपति है। राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख है। प्रधानमंत्री के पास कार्यकारी शक्तियां हैं। एक सदन वाली विधानसभा प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों को चुनती है। गुलाम कश्मीर का न्यायिक तंत्र भी पाकिस्तान से अलग है। यहां एक सुप्रीम कोर्ट और एक हाईकोर्ट है।

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