32 घंटे से आयकर विभाग की कार्रवाई जारी, छानबीन कर रही तीन टीमें

रुद्रपुर शहर में तीन लकड़ी कारोबारियों के प्रतिष्ठान, कार्यालय और घरों पर आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई 32 घंटे बाद भी जारी रही। 

रुद्रपुर शहर में पिता-पुत्र सहित तीन लकड़ी कारोबारियों के प्रतिष्ठान, कार्यालय और घरों पर आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई 32 घंटे बाद भी जारी रही। एक कारोबारी के नहीं मिलने पर टीम ने घर को सील कर दिया। इसके अलावा तीन जगहाें पर जमी टीमों ने कारोबारी और परिजनों से उनके कारोबार, संपत्ति और खातों का ब्योरा लेने के साथ ही उनके बयान भी दर्ज किए हैं। टीमों की ओर से कार्रवाई को लेकर जानकारी साझा नहीं की गई है।

बृहस्पतिवार सुबह साढ़े दस बजे आयकर विभाग लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर टीएस पंचपाल, आयकर अधिकारी मुकेश कुमार, दीपक कुमार सहित अधिकारी व कर्मचारियों की टीम रुद्रपुर पहुंची। टीमों ने फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग के गल्ला मंडी स्थित नारंग फर्नीचर मार्ट, सिविल लाइंस स्थित आवास, उनके बेटे रोनिक नारंग व रोनिक के साझीदार सौरभ गावा के मॉडल कालोनी स्थित विनायक प्लाई कार्यालय और एलाइंस काॅलोनी स्थित सौरभ के आवास पर छापा मारा था। सौरभ के घर पर नहीं होने और बंद होने से कार्रवाई नहीं हो सकी। इधर तीन जगहों पर टीमों के अधिकारी रात दिन जांच और पूछताछ में जुटे रहे।

टीमों ने गुलशन के साथ ही उनके घर पर मौजूद बेटे रोनिक और पारिवारिक सदस्यों से कारोबार के बारे में जानकारी ली। इस दौरान विनायक प्लाई और विनायक ट्रांसपोर्ट के बारे में कंपनी अधिकारियों ने ब्योरा एकत्र किया। बताया जा रहा है कि टीम रोनिग नारंग को अपने साथ कुछ जगहों पर भी लेकर गई थी। इस दौरान विनायक प्लाई के कारोबार, खरीद बिक्री के साथ ही बैंक खातों, संपत्ति के साथ ही लेनदेन की भी जानकारी की। विनायक ट्रांसपोर्ट के बारे में टीम को बहुत कुछ जानकारी नहीं मिल सकी। छापामारी का केंद्र विनायक प्लाई और विनायक ट्रांसपोर्ट के बीच माना जा रहा है। दोनों कंपनियों को लेकर ही छापे की कार्यवाही की बात सामने आ रही है। हालांकि अब तक की कार्रवाई में क्या कुछ टीम को मिला है, इसके बारे में वे बताने को तैयार नहीं हैं। खबर लिखे जाने तक टीमें तीनों जगहों पर डटी हुई हैं।

विनायक प्लाई के साझीदार सौरभ का घर सील
आयकर विभाग की रडार में आई विनायक प्लाई फर्म के साझीदार सौरभ गाबा परिवार सहित धार्मिक स्थलों के दर्शन को गए हैं। करीब 26 घंटे इंतजार के बाद जब सौरभ एलाइंस काॅलोनी स्थित घर नहीं लौटे तो वहां डेरा जमाए टीम ने शुक्रवार को घर को सील कर दिया। टीम ने घर के मुख्य गेट सहित तीनों गेटों पर सील लगा दी है। इस दौरान वहां पर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई है। सौरभ का घर सील की कार्रवाई के बाद इसको लेकर खासी चर्चा है। 

आधी रात को व्यापारी गुलशन को घर जाने की मिली अनुमति
आयकर विभाग की चार टीमें बृहस्पतिवार की सुबह से गल्ला मंडी, मॉडल कालोनी और सिविल लाइंस में जांच में जुटी हैं। चौथी टीम एलाइंस काॅलोनी में डेरा डाले थी। गल्ला मंडी स्थित फर्नीचर मार्ट में कार्रवाई के दौरान बृहस्पतिवार की आधी रात को गुलशन नारंग को दुकान से पुलिस की निगरानी में घर जाने की इजाजत दी गई थी। शुक्रवार सुबह गुलशन फिर पुलिस की निगरानी में दुकान में आ गए थे। इस दौरान वे दुकान के समीप स्थित बालाजी मंदिर में दर्शन के लिए भी गए थे। हालांकि वे आयकर विभाग की टीम की ओर से सहयोग मिलने की बात कहते रहे। कार्रवाई के दौरान कर्मचारी भी रात भर दुकान में ही रहे। 

रामनगर की एक प्लाईवुड फैक्टरी में गई थी आयकर टीम
आयकर विभाग की टीम ने रुद्रपुर ही नहीं बल्कि यूपी के कईं हिस्सों के साथ ही रामनगर में एक प्लाइवुड फैक्टरी में छापा मारा था। टीम ने प्लाइवुड फैक्टरी से कई जानकारियां एकत्र की थीं। बताया जा रहा है कि टीम ने रामपुर के स्वार, बहेड़ी, सीतापुर सहित अन्य जगहों पर छापा मारा है। हालांकि अधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है। 

दूसरे दिन भी आयकर विभाग को नहीं मिल सका विकास नारंग
आयकर विभाग की टीम को गुलशन नारंग के बेटे विकास नारंग से पूछताछ करनी है लेकिन दूसरे दिन भी विकास आयकर विभाग की टीम के सामने नहीं आ पाया है। इस दौरान उसका मोबाइल भी बंद बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम विकास से पूछताछ किए बिना कार्रवाई खत्म करने को तैयार नहीं है। इधर व्यापारियों के विरोध का टीम पर असर नहीं पड़ा है और तीनों ठिकानों पर उनकी कार्रवाई जारी है। 

विनायक प्लाई कंपनी में 35 करोड़ का निवेश
आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद चर्चा में आई विनायक प्लाई में नामी टाइल्स कंपनी की सहायक कंपनी के 35 करोड़ के निवेश की बात सामने आ रही है। इस कंपनी के कंपनी सेक्रेटरी ने विनायक प्लाई में निवेश को लेकर 10 अप्रैल को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड एक्सचेंज और बीएसई लिमिटेड को सूचित किया था। निवेश के बाद एसवीपीएल उक्त कंपनी की सहायक कंपनी बननी थी। हालांकि यह निवेश हुआ या नहीं, इसकी अधिकारिक जानकारी नहीं हो सकी है। 

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