महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगियों के बीच बढ़ते मतभेदों, छोड़े जा रहे व्यंग्य बाणों और एक-दूसरे पर हावी होने की होड़ के बीच भाजपा के मुख्य रणनीतिकार एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने दो दिनों के मुंबई दौरे के बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं दोनों उपमुख्यमंत्रियों देवेंद्र फडणवीस व अजीत पवार से मिलकर उन्हें आश्वस्त किया है कि विधानसभा चुनावों से पहले सम्मानजनक सीट समझौता किया जाएगा।
भाजपा और उसके दो बड़े सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए नवंबर के मध्य में होने वाले चुनावों में भाजपा एवं उसके दो गठबंधन सहयोगियों शिवसेना और राकांपा ने मिलकर चुनाव लड़ने की योजना बनाई है। इनके साथ कुछ छोटे दल भी शामिल होंगे।
वर्चस्व की परोक्ष जंग
गठबंधन के तीनों बड़े दलों में से शिवसेना और राकांपा के नेताओं के बीच इन दिनों वर्चस्व की परोक्ष जंग होती दिखाई दे रही है। रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आगमन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनका स्वागत किया। बाद में उन्होंने एशिया के सबसे पुराने समाचार पत्र गुजराती दैनिक ‘मुंबई समाचार’ की 200 साल की यात्रा के वृत्तचित्र विमोचन की अध्यक्षता की, जो अब अपने प्रकाशन के 203वें वर्ष में है।
इसके बाद उन्होंने भाजपा के शीर्ष नेताओं की एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार सहित अन्य नेता उपस्थित थे। बैठक में भाजपा नेताओं ने शाह पर 150-170 सीटों पर चुनाव लड़ने का दबाव बनाया और 125 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा। इसके बाद शाह ने मुख्यमंत्री शिंदे और फडणवीस के साथ बैठक की, जो आधी रात के बाद तक चली।
बैठक में शामिल नहीं हुए अजित पवार
अजित पवार भी बारामती से देर रात मुंबई लौट आए थे, लेकिन वह रात में हुई इस बैठक में शामिल नहीं हुए। उनके मुंबई में रहते हुए भी बैठक में शामिल न होने को लेकर तरह-तरह के कयास लगने लगे थे, लेकिन सोमवार को शाह ने लालबाग का राजा गणपति के दर्शन करके नई दिल्ली वापस जाने से पहले मुंबई विमानतल पर ही शिंदे-फडणवीस-पवार की तिकड़ी के साथ बैठक की।
करीब 40 मिनट चली बैठक के दौरान शाह ने कहा कि महायुति एक ऐसा फॉर्मूला तैयार करेगी जो सभी के लिए सम्मानजनक होगा। हालांकि टिकट बंटवारे में जीतने की संभावना और उम्मीदवार की योग्यता ही टिकट वितरण का मापदंड होगा। शाह ने तीनों वरिष्ठ नेताओं को जीतने योग्य सीटों की सूची जल्द तैयार करने के निर्देश भी दिए, ताकि सीटों का बंटवारा शीघ्र किया जा सके।