महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के बाद पहली बड़ी कार्रवाई वहां के जिलाधिकारी पर हुई है। सिंधुदुर्ग के जिलाधिकारी किशोर एस तावड़े का अचानक तबादला कर दिया गया है। यही नहीं, उन्हें पदावनत भी कर दिया गया है। उन्हें गैर-आईएएस जूनियर प्रशासनिक स्तर की श्रेणी की जिम्मेदारी दे दी गई है। उनके स्थान पर हाफकिन बायो-फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ए. पाटिल को सिंधुदुर्ग का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।
खराब मौसम के कारण गिरी थी छत्रपति की प्रतिमा
यह आदेश उस घटना के ठीक एक सप्ताह बाद आया है, जब समुद्र तटीय खुबसूरत शहर राजकोट किले के 10 फीट ऊंचे मंच पर स्थापित 28 फीट ऊंची छत्रपति की प्रतिमा खराब मौसम के कारण गिर गई थी। तावड़े पुणे स्थित महाराष्ट्र राज्य कृषि निगम लिमिटेड के नए प्रबंध निदेशक होंगे।
मूर्ति गिरने पर सियासी घमासान
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) द्वारा सोमवार देर रात जारी किए गए स्थानांतरण आदेश के अनुसार, दोनों अधिकारियों तावड़े और पाटिल को सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अपने नए पदभार संभालने का निर्देश दिया गया है। मूर्ति ढहने की घटना के बाद से महाराष्ट्र में राजनीतिक हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में अब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी सार्वजनिक रूप से माफी मांग चुके हैं।
एजेंसी के अनुसार, प्रतिमा ढहने के मामले में मूर्तिकार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। आप्टे को ही मूर्ति बनाने का अनुबंध मिला था। इस मामले में आप्टे और उनके सहयोगी चेतन पाटिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। पाटिल की गिरफ्तारी हो चुकी है। जबकि आप्टे की तलाश जारी है।