दिल्ली के सबसे पुराने कॉरिडोर पर चोरों ने रोकी मेट्रो की रफ्तार

दिल्ली मेट्रो के सबसे पुराने काॅरिडोर पर शनिवार सुबह परिचालन साढ़े पांच घंटे प्रभावित रहा। इससे यात्रियों को अपने सफर में देरी का सामना करना पड़ा। दरअसल, रेड लाइन के झिलमिल मेट्रो स्टेशन से मानसरोवर पार्क स्टेशन के बीच कॉरिडोर पर सिग्नल का तार चोरी कर लिया गया। इससे ट्रेनों में सिग्नलिंग की समस्या आई। यह दिक्कत झिलमिल और मानसरोवर पार्क स्टेशनों (अप और डाउन दोनों लाइनों) के बीच कई घंटों तक रही।

डीएमआरसी के अधिकारियों ने बताया कि रेड लाइन के झिलमिल और मानसरोवर पार्क स्टेशनों (अप और डाउन दोनों लाइनों) के बीच मेट्रो 25 किमी प्रतिघंटे की गति से चलाई गई। काॅरिडोर पर तड़के तार चोरी की कोशिश की गई, इससे सिग्नलिंग तार क्षतिग्रस्त हो गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस से शिकायत की गई है। वहीं परिचालन के दौरान प्रभावित सेक्शन पर मरम्मत कार्य करने से सेक्शन में सभी सेवाएं रोकनी पड़ती, इसलिए मरम्मत कार्य रात में किया गया।

से में शनिवार को पूरे दिन दिलशाद गार्डन और शाहदरा स्टेशन के बीच 25 किमी प्रतिघंटे की गति से ट्रेनें चलाई गईं। अधिकारियों ने बताया कि तार चोरी की वजह से ट्रेनों को मैनुअली संचालित करना पड़ता है। इस वजह से ट्रेनों की रफ्तार 25 किलोमीटर प्रतिघंटे तक सीमित करनी पड़ती है।

कबाड़ी को बेचते हैं चोरी का तार
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि तार चोरी की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी मेट्रो स्टेशनों के पास पेड़ों पर चढ़कर पटरियों में घुस जाते हैं और कुछ मामलों में वे टूटी दीवारों या रस्सियों का उपयोग करके प्रवेश करते हैं। आराेपी बिजली के झटके से बचने के लिए लकड़ी की छड़ी से बंधे लोहे के ब्लेड से केबल काट देते हैं। इसके बाद तार कबाड़ियों को बेच देते हैं।

जहांगीरपुरी, सीलमपुर और छतरपुर में ऐसे कई कबाड़ी हैं जो चोरी किया गया कॉपर का तार खरीद लेते हैं। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में मेट्रो में 2020 में तार चोरी के 31, वर्ष 2021 में 20 और वर्ष 2022 में 21 मामले दिल्ली पुलिस ने दर्ज किए थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में क्रमश: 54, 57 और 63 आरोपियों को गिरफ्तार किया था।

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