उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की सुरक्षा में तैनात 102 पुलिसकर्मियों को हटाने का फैसला लिया गया है। उनकी जगह अब पीएसी, कमिश्नरेट, एसडीआरएफ और विशेष सुरक्षा बल में तैनात आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी को चयनित कर विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा में तैनात जवान लेंगे। यह निर्णय इन पुलिसकर्मियों की फिटनेस को देखते हुए लिया गया है।
इस कारण हटाए जाएंगे सुरक्षाकर्मी
बता दें कि सीएम योगी और राज्यपाल की सुरक्षा में तैनात 102 सुरक्षाकर्मियों को हटाने का कारण फायरिंग और फिटनेस टेस्ट में फेल होने के साथ-साथ कई और वजह भी है। दरअसल, बीते दिनों सुरक्षा मुख्यालय की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुरूप गठित कमेटी ने वीवीआईपी सुरक्षा में बदलाव के लिए पीएसी समेत तमाम शाखाओं के मुख्य आरक्षियों एवं आरक्षियों द्वारा किए गए आवेदन के बाद उनका फिटनेस और फायरिंग टेस्ट लिया था। इसमें उत्तीर्ण होने के बाद उन्हें चयनित किया गया है। इससे पहले वीवीआईपी सुरक्षा में वर्षों से तैनात पुलिसकर्मियों को भी फायरिंग एवं फिटनेस टेस्ट के लिए बुलाया गया था। इसमें बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी फायरिंग टेस्ट में असफल हो गए थे। बीती 23 अप्रैल को पीलीभीत में आयोजित जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री की सुरक्षा में उनके पीछे खड़ा कमांडो अचानक गश खाकर बेहोश हो गया था। आनन-फानन उसे हटाकर दूसरे कमांडो को उसकी जगह तैनात करना पड़ा था।
दोबारा बुलाने पर नहीं आए सुरक्षाकर्मी
एक बार टेस्ट में फेल होने के बाद उन्हें फिर से दोबारा परीक्षा देने के लिए बुलाया गया पर उन्होंने आने की जहमत तक नहीं की, ताकि वह अपनी वर्तमान तैनाती की जगह बरकरार रहे। जिसके बाद सुरक्षा मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाते हुए पीएसी, कमिश्नरेट, जिलों, एसडीआरएफ और विशेष सुरक्षा बल से 102 पुलिसकर्मियों को चयनित कर वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात करने की कवायद शुरू कर दी है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के अलावा कई अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी भी जल्द हटाए जाने हैं। सुरक्षा मुख्यालय में एसपी (मुख्यमंत्री सुरक्षा) की ओर से चयनित 102 पुलिसकर्मियों को जल्द तैनात करने के लिए संबंधित शाखाओं से उनके सेवा विवरण तलब किए गए हैं। बता दें कि वीवीआईपी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को पहले 12,500 अतिरिक्त भत्ता मिलता था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये कर दिया गया है। एक ये भी वजह है कि सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी हटना नहीं चाहते।