केंद्र सरकार जल्द ही वक्फ अधिनियम में कई बड़े बदलाव कर सकती है। सरकार इसके लिए संसद में अगले हफ्ते एक विधेयक ला सकती है, जिसमें कई संशोधन हो सकते हैं। इसके तहत वक्फ बोर्ड की शक्तियों को कम किया जा सकता है।
महिलाओं को मिलेंगे हक
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, इस विधेयक के तहत किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति कहने की इसकी ‘अनियंत्रित’ शक्तियों में कटौती हो सकती है और महिलाओं का प्रतिनिधित्व भी सुनिश्चित हो सकता है।
40 संशोधनों को कैबिनेट की मंजूरी
एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधन प्रस्तावित किए जाने की संभावना है। सूत्रों ने यह भी कहा कि विधेयक को शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, विधेयक में अधिनियम की कुछ धाराओं को निरस्त करने का प्रस्ताव है, जिसका मुख्य उद्देश्य वक्फ बोर्डों के पास मौजूद मनमानी शक्तियों को कम करना है।
विधेयक में इन बातों पर ध्यान
- इस कानून के जरिए केंद्र सरकार बोर्ड की निरंकुशता को खत्म करना चाहता है।
- विधेयक के जरिए बोर्ड में अधिक पारदर्शी प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य सत्यापन शामिल है। महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए वक्फ बोर्डों की संरचना और कार्यप्रणाली में बदलाव करने के लिए धारा 9 और धारा 14 में संशोधन हो सकता है।
- विवादों को सुलझाने के लिए वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई संपत्तियों का नए सिरे से सत्यापन किया जाएगा।
- वक्फ संपत्तियों की निगरानी में मजिस्ट्रेट शामिल हो सकते हैं।
मुस्लिम बुद्धिजीवियों ने ही की बदलाव की मांग
सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कानूनों को बदलने की मांग मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों की ओर से आई है। देश भर में वक्फ बोर्डों के तहत लगभग 8 लाख 70 हजार संपत्तियां हैं और इन संपत्तियों के अंतर्गत कुल भूमि लगभग 9 लाख 40 हजार एकड़ है।
1995 में लागू हुआ एक्ट
वक्फ अधिनियम 1995 में लागू किया गया था और यह वाकिफ द्वारा वक्फ के रूप में दान की गई और अधिसूचित संपत्तियों को नियंत्रित करता है।
वक्फ बोर्ड कई बार ऐसे दावे करता है, जिससे विवाद होता है। उदाहरण के लिए सितंबर 2022 में तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे थिरुचेंदुरई गांव पर अपना हक होना का दावा किया, जहां सदियों से बहुसंख्यक हिंदू आबादी रहती थी।