बाल्टिक सागर में खोजा गया 19वीं सदी का ‘खजाना’

 बाल्टिक सागर की गहराई में डूबा हुआ 171 साल पुराना जहाज खोजा गया है। पोलिश गोताखोरों की टीम ने स्वीडन के तट से करीब 190 फीट की गहराई में लंबे समय से पानी में डूबे जहाज का मलबा खोजा है। खोजकर्ताओं को जहाज पर शैंपेन, वाइन, मिनरल वाटर और पोर्सिलेन के सामान मिले हैं।

खोजकर्ताओं के मुताबिक, बाल्टिक सागर की गहराई में डूबा जहाज शैंपेन की बंद बोतलों से भरा हुआ है। यह जहाज 19वीं सदी का है। पोलिश गोताखोरों की टीम ने बताया कि लंबे समय से पानी में डूबा जहाज लग्जरी शराब से भरा हुआ है। खोजकर्ताओं ने बताया कि जहाज पर 100 से अधिक शैंपेन की बोतलें हैं। जहाज को ढूंढने वाले पोलैंड के डाइविंग ग्रुप बाल्टिटेक के गोताखोर टोमाज स्टैचुरा का मानना है कि शिपमेंट रूसी जार (राजा) के लिए जा रहा होगा।

टोमाज स्टैचुरा ने टीम के बारे में बताया कि वह बाल्टिक सागर में सबसे सक्रिय मलबा गोताखोरों में से एक है और अब तक हजारों मलबे की तस्वीरें ली है। लेकिन यह हालिया खोज अलग थी। स्टैचुरा ने कहा, “मैं 40 वर्षों से गोता लगा रहा हूं और अक्सर ऐसा होता है कि एक या दो बोतलें होती हैं। लेकिन इतने ज्यादा माल के साथ हमने मलबे को पहली बार खोजा है।” उन्होंने कहा कि यह खोज काफी हद तक एक संयोग भी था, क्योंकि गोताखोर वर्षों से डूबे हुए जहाजों की तलाश में समुद्र तल में खोजबीन कर रहे हैं।

जहाज को स्वीडन के ओलांद द्वीप से 37 किलोमीटर दूर समुद्र में ढूंढा गया है। स्टैचुरा ने बताया कि उनके दो डाइवर्स छोटी डाइव के लिए पानी में उतरे लेकिन दो घंटे तक बाहर नहीं निकले जिसके बाद उन्हें लग गया कि नीचे कुछ दिलचस्प है। उन्होंने बताया, “हम पहले ही जान गए थे कि नीचे कुछ तो दिलचस्प है।” मलबे में मिली बोतलों पर जर्मन कंपनी सेल्टर्स का ब्रांड नाम है। बोतलों से ही खोजकर्ताओं को पता चला कि जहाज 1850-1867 के बीच डूबा हो सकता है।

स्टैचुरा ने कहा कि अभी यह देखना बाकी है कि शैंपेन पीने लायक है या नहीं। हालांकि, एक उम्मीद में शैंपेन के कारण गोताखोर काफी उत्सव मना रहे थे। लेकिन पानी भी बेहद महत्वपूर्ण था, जो मध्य जर्मनी के एक खनिज झरने का है। 800 वर्षों से इस पानी को दुनिया भर में ले जाया जाता रहा है।

गोताखोर और अंडरवाटर वीडियोग्राफर मारेक काकाज ने कहा कि मिट्टी की बोतल पर अंकित ब्रांड जर्मन कंपनी सेल्टर्स का था, जो आज भी उत्पादन करती है। खोजकर्ताओं के मुताबिक, इसकी कीमत इतनी ज्यादा थी, कि पुलिस को पहरा देना पड़ा। शैंपेन 1850-1867 के बीच बनाई गई थी। जिस बोतल में इसे पैक किया गया था, वह कंपनी आज भी मौजूद है और ज्यादा जानकारी के लिए उनसे संपर्क किया जाएगा।

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