बिहार पुलिस दरोगा सहित तीन पुलिसकर्मी निलंबित

गया जिले के बेलागंज थाना में  पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी अमित कुमार, अजित कुमार और रीना कुमारी को कर्तव्यहीनता और लापरवाही के आरोप में वरीय पुलिस अधीक्षक आशीष भारती ने निलंबित कर दिया है। साथ ही उन तीन पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग भी की गई है।

हथियार रखने की मिली थी सूचना
इस संबंध में एसएसपी का कहना है कि बेलागंज थाना क्षेत्र के चांदी वाजितपुर के मोहम्मद सद्दाम के द्वारा सहायक अवर निरीक्षक अमित कुमार को सूचना दी गई कि चंदौती गांव में एक व्यक्ति अवैध हथियार रखे हुए है। प्राप्त सूचना की जानकारी जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक को दी गई। इसके बाद सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए उन्हें दारोगा अजीत कुमार सिन्हा एवं महिला पुलिस पदाधिकारी रीना कुमारी के साथ छापेमारी के लिए भेजा गया। उनलोगों ने छापेमारी के दौरान बरामद सामग्री के बारे में स-समय जानकारी नहीं दी गई तथा काफी विलंब से विधि-सम्मत कार्रवाई प्रारंभ की गई।

एसएसपी ने की कार्रवाई 
लापरवाही बरतने के मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी आशीष भारती ने प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष बेलागंज को प्रतिवेदन समर्पित करने के लिए निर्देशित किया। प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष बेलागंज के प्रतिवेदन से यह पाया गया कि बेलागंज थाना अंतर्गत चंदौती गांव में छापेमारी करने गए पुलिस अवर निरीक्षक अमित कुमार, अजीत कुमार सिन्हा एवं रीना कुमारी के द्वारा छापेमारी के दौरान बरामद सामग्री के बारे में स-समय सूचना नहीं दी गई तथा काफी विलंब से विधि-सम्मत कार्रवाई प्रारंभ की गई। यह इनके कर्तव्य के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। इसके बाद एसएसपी ने उक्त सभी पदाधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के विरुद्ध स्पष्टीकरण की मांग भी की। उनका कहना है कि बरामद सामग्री के संबंध में बेलागंज थाना कांड संख्या 437/24 दिनांक- 20 जुलाई को धारा-25(1-बी)ए/26/35 आर्म्स एक्ट दर्ज कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया और अनुसंधान के क्रम में इस घटना में सूचना देने वाले व्यक्ति की भूमिका प्रकाश में आई। तत्पश्चात अप्राथमिकी अभियुक्त (सूचक) बेलागंज थाना क्षेत्र के चांदी वाजिपुर निवासी रफिद आलम के पुत्र मो० सद्दाम को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा दिया।

पुलिस ने ऐसे फंसाया 
19 जुलाई की रात्रि बेलागंज थाना के चुनौती गांव के रहने वाले साहिर आलम के घर पुलिस ने छापेमारी की। छापेमारी में एसआई अमित कुमार समेत और तीन पुलिसकर्मी शामिल थे। इस दौरान पुलिस को घर के अंदर से 20 जिंदा कारतूस बरामद हुआ। छापेमारी के क्रम में पुलिस और पीड़ित परिवार के बीच कहासुनी हुई। उक्त घटना के बाद पीड़ित परिवार गया के सीनियर एसपी आशीष भारती से मिलकर न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित परिवार में एसपी को बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस के साथ सद्दाम नाम का एक व्यक्ति भी आया था। सद्दाम जमीन के नाम पर₹100000 एडवांस लिया था। लेकिन जब छानबीन की गई तो यह पाया गया कि वह जमीन सद्दाम की नहीं थी। जब सद्दाम से पैसे मांगा तो वह पुलिस से फंसाने की धमकी देकर चला गया।पीड़ित परिवार ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने पहले घर में पहले कारतूस रखवाया और फिर उसे फंसा दिया।वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए सीनियर एसपी ने सहायक पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अनवर अहमद और डीएसपी विधि व्यवस्था खुर्शीद आलम को जांच का निर्देश दिया है। जांच में तीनों सहायक अवर निरीक्षक दोषी पाए गए।अब उनपर कार्रवाई हुई है।

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