केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने शनिवार को मलप्पुरम जिले के 14 वर्षीय एक लड़के में निपाह संक्रमण की पुष्टि की। मीडिया से यहां बातचीत में जॉर्ज ने कहा कि पुणे स्थित ‘राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान’ ने उस लड़के में संक्रमण की पुष्टि की है, जिसका फिलहाल एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
परीक्षण के लिए लड़के का भेजा गया था नमूना
जॉर्ज ने मीडिया से कहा, ‘‘पीड़ित को कोझिकोड के सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पीड़ित के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाना शुरू किया गया है। उसके संपर्क में आने के कारण उच्च जोखिम वाले लोगों को पहले ही पृथक कर दिया गया है और उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।’’
जॉर्ज ने कहा कि पीड़ित लड़के का इलाज किया जा रहा है और वह जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) पर है। मंत्री ने कहा कि संक्रमण का केंद्र पांडिक्कड़ था और एहतियाती कदम पहले ही उठाए जा चुके हैं। उन्होंने संक्रमण के केंद्र रहे इलाके और इसके आसपास के अस्पतालों के लोगों से सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने और अस्पतालों में मरीजों से मिलने से बचने के लिए कहा है।
राज्य सरकार ने हाल ही में घोषणा की थी कि निपाह के प्रकोप की रोकथाम के लिए एक विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसने अतीत में चार मौकों पर राज्य को परेशान किया है।
वर्ष 2018, 2021 और 2023 में कोझिकोड जिले में और 2019 में एर्नाकुलम जिले में निपाह संक्रमण फैलने के मामले दर्ज किये गये थे। कोझिकोड, वायनाड, इडुक्की, मलप्पुरम और एर्नाकुलम जिलों के चमगादड़ों में निपाह वायरस की एंटीबॉडी की उपस्थिति का पता चला था।
क्या है निपाह संक्रमण?
निपाह संक्रमण को साल 1998-99 में पहली बार पहचाना गया था। मलेशिया के कम्पंग सुंगाई निपाह में इसके मामलों की पुष्टि हुई थी। यहां इस संक्रमण की चपेट में 250 से ज्यादा लोग आए थे और इस संक्रमण ने पहली बार में ही कोहराम मचा दिया था। निपाह संक्रमण मलेशिया में कम्पंग सुंगाई निपाह नाम की जगह पर पहली बार देखा गया था और इसी वजह से इसका नाम निपाह पड़ा।