मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में बुधवार को देवशयनी एकादशी पर्व मनाया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने नर्मदा में आस्था की डुबकी भी लगाई। ऐसे में यहां के लगभग सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान करते नजर आई। इस दौरान प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम कर रखे थे, जिसके चलते किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। हालांकि, पूर्व के वर्षों की तुलना में इस पर्व पर बुधवार को श्रद्धालु कम ही नजर आए। बताया जा रहा है कि फसलों की बुवाई का समय होने के चलते यह स्थिति बनी है।
धार्मिक तीर्थ नगरी ओमकारेश्वर में देव शयनी एकादशी पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे, जिन्होंने नर्मदा किनारे के गोमुख घाट, नगर घाट, कोटि तीर्थ घाट, अभय घाट, ब्रह्मपुरी घाट समेत अन्य घाटों पर स्नान कर आस्था की डुबकी भी लगाई। इसके साथ ही ओम आकर के पर्वत पर बसे भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग की परिक्रमा कर हजारों महिलाओं ने यहां मौजूद प्राचीन मंदिरों के भी दर्शन किए। हालांकि, मोरटक्का (खेडीघाट) पर पर्व काल की पूर्व रात्रि में लगभग सभी घाटों पर अंधेरा छाया रहा, जिसको लेकर सनावद बिजली विभाग के इंजीनियर आरएस ठाकुर ने कहा कि घाटों पर प्रकाश व्यवस्था की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की रहती है। अगर, पंचायत इससे सम्बंधित सामग्री उन्हें उपलब्ध करवा दे तो बिजली विभाग उसे लगवा देगा।
पहले के वर्षों से कम रही श्रद्धालुओं की संख्या
पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि तीर्थ नगरी में पर्व के दिनों में ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार कम होने लगी है। बता दें कि पूर्व में देवशयनी एकादशी पर्व पर ही 50 हजार से लेकर एक लाख श्रद्धालु स्नान करने आते थे । लेकिन, वर्तमान में ग्रामिण क्षेत्रों के श्रद्धालुओ की संख्या कम रहने लगी है। यहां पहुंचे एक श्रद्धालु ने इसे लेकर कहा कि अधिकतर ग्रामिण खेती किसानी करने वालें लोग रहते हैं और अभी वे खेती में व्यस्त हैं । शायद, इसलिए यहां कम संख्या में श्रद्धालु नजर आए।