बांग्लादेश सरकार ने बंद किया विश्वविद्यालय और कॉलेज

 बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी है। हजारों छात्र सड़कों पर उतरकर आरक्षण खत्म करने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण के खिलाफ जारी इस प्रदर्शन ने अब हिंसक रूप ले लिया है।

पुलिस के साथ झड़प में 6 लोगों की मौत हो गई है। वहीं, 100 से ज्यादा प्रदर्शनकारी घायल बताए जा रहे हैं।

बांग्लादेश में बंद हुए सार्वजनिक और निजी विश्वविद्यालय

हालात इतने ज्यादा खराब हो गए हैं कि ढाका सहित बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में स्कूल-कॉलेज और मदरसे बंद करने पड़े हैं।

दक्षिण एशियाई राष्ट्र में सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में कोटा को लेकर कई सप्ताह से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं, जिसमें पाकिस्तान से 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों के लिए 30% आरक्षण शामिल है।

इस आरक्षण के कारण छात्रों में गुस्सा है। कुल 170 मिलियन लोगों में से लगभग 32 मिलियन युवा बांग्लादेशी काम या शिक्षा से वंचित हैं।

प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा चल रही अदालती कार्यवाही का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारियों की मांगों को पूरा करने से इनकार करने के बाद प्रदर्शन और तेज हो गए है। इस दौरान कोटा का विरोध करने वालों को “रजाकार” करार दिया। यह शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है, जिन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना के साथ कथित रूप से सहयोग किया था।

पुलिस ने छात्रों पर किया रबर की गोलियों का इस्तेमाल

इस हफ्ते विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए जब देश भर में हजारों आरक्षण विरोधी प्रदर्शनकारियों की सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी की छात्र शाखा के सदस्यों के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।

पुलिस ने बताया कि मंगलवार को हुई झड़पों में कम से कम तीन छात्रों सहित छह लोग मारे गए।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हम बांग्लादेश सरकार से तत्काल सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा और सभी घायलों के समुचित उपचार की गारंटी देने की मांग करते हैं।

प्राधिकारियों ने कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए देश भर के विश्वविद्यालय परिसरों में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश अर्धसैनिक बल (Border Guard Bangladesh paramilitary force) के साथ-साथ Riot पुलिस को तैनात किया है।

छात्र निकालेंगे जुलूस

मंगलवार देर रात विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सभी विश्वविद्यालयों को बंद करने का आदेश दिया और छात्रों को सुरक्षा कारणों से तुरंत परिसर खाली करने का निर्देश दिया। हाई स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान भी बंद कर दिए गए हैं।

कोटा विरोधी प्रदर्शनों के समन्वयक नाहिद इस्लाम ने कहा कि छात्र बुधवार को उन लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए ताबूत लेकर जुलूस निकालेंगे, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है।

ढाका विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, छात्र लीग (सत्तारूढ़ पार्टी की छात्र शाखा) के कार्यकर्ताओं के हमलों के कारण कई छात्र डर के मारे छात्रावास छोड़ कर चले गए हैं।

Related Articles

Back to top button