महाराष्ट्र : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के ताजा बयान से चर्चाएं शुरू

288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव इस साल अक्टूबर में होने हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘एक पार्टी के पास हर जगह अपना संगठनात्मक ढांचा और काम होना चाहिए। सीटों के बंटवारे के आधार पर गठबंधन बनाया जाएगा, लेकिन सभी सीटों के लिए तैयारी करना गलत नहीं है।

महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शायद सबकुछ ठीक नहीं है। दरअसल महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले के ताजा बयान से ऐसे संकेत मिले हैं कि गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है। दरअसल नाना पटोले ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सभी सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी करेगी, लेकिन चुनाव अपने गठबंधन सहयोगियों के साथ सीट बंटवारे के समझौते के अनुसार लड़ेगी। नागपुर स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए पटोले ने कहा कि ‘अगर पार्टी सभी सीटों से चुनाव लड़ने की तैयारी करती है तो यह गलत नहीं है, क्योंकि पार्टी के पास अपना संगठनात्मक ढांचा होना चाहिए और कार्यकर्ताओं को हर जगह काम करना चाहिए।’

अक्तूबर में होने हैं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव
288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव इस साल अक्टूबर में होने हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘एक पार्टी के पास हर जगह अपना संगठनात्मक ढांचा और काम होना चाहिए। सीटों के बंटवारे के आधार पर गठबंधन बनाया जाएगा, लेकिन सभी सीटों के लिए तैयारी करना गलत नहीं है और हमारे गठबंधन सहयोगी भी उसी तरह से तैयारी कर रहे हैं। हम महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

बता दें कि महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में 48 में से 30 सीटें जीती हैं। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से महाविकास अघाड़ी गठबंधन के हौसले बुलंद हैं।

लालू यादव की भविष्यवाणी से जताई सहमति
राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने भविष्यवाणी की है कि नरेंद्र मोदी सरकार अगले महीने गिर सकती है। इस पर नाना पटोले ने कहा कि लालू यादव की भविष्यवाणी सच हो सकती है क्योंकि सरकार बैकफुट पर है, और कोई यह सुनिश्चित नहीं कर सकता कि सहयोगी एनडीए के साथ कितने समय तक रहेंगे। उन्होंने कहा ‘कुछ भी हो सकता है। हम देख सकते हैं कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लोकसभा में भाषण के बाद सरकार कैसे बैकफुट पर आ गई है। हम यह नहीं कह सकते कि एनडीए के सहयोगी कितने समय तक उनके साथ रहेंगे।’

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