हर साल 14 जून को World Blood Donor Day मनाया जाता है। इस साल इस दिन को मनाने का 20वां साल है। इसलिए इस साल यह दिन और खास हो जाता है। इस दिन के साथ-साथ इस साल की थीम भी बेहद खास है। आइए जानें क्या है इस साल की थीम कैसे हुई इस दिन को मनाने की शुरुआत और क्यों रक्तदान को महादान माना जाता है।
रक्तदान को महादान कहा जाता है। रक्तदान करने से न जानें कितने लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है। कई जानलेवा मेडिकल कंडिशन्स में डोनेट किए गए ब्लड की मदद से मरीज की जान बचाई जाती है। इसलिए रक्तदान जैसे कार्य के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने की कोशिश की जाती है। हर साल रक्तदान जैसे नेक काम के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए, 14 जून को World Blood Donor Day मनाया जाता है। आइए जानें क्यों हर साल वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाया जाता है और क्या है इस साल की खास थीम।
क्यों मनाया जाता है World Blood Donor Day?
रक्तदान का मेडिकल क्षेत्र में कितनी अहम भूमिका है, इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन सभी ब्लड डोनर्स का भी शुक्रिया अदा किया जाता है, जिनकी वजह से लाखों लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है। इसलिए इस दिन लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
कैसे हुई वर्ल्ड ब्लड डोनर डे मनाने की शुरुआत?
रिचर्ड लोवर नाक के एक वैज्ञानिक ने 1940 में दो कुत्तों के बीच सबसे पहला सफल ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया, जिसके कोई दुष्परिणाम देखने को नहीं मिले। इसी परीक्षण को नीव बनाकर इंसानों में भी ब्लड ट्रांसफ्यूजन की तकनीक विकसित की गई। इसके बाद साल 2005 में वर्ल्ड हेल्थ असेंबिली ने 14 जून को वर्ल्ड ब्लड डोनर डे की तरह मनाने की घोषणा की और तब से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। इस साल इस दिन को मनाने के बीस वर्ष पूरे हो रहे हैं।
क्या है इस साल की थीम?
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि इस साल की थीम है- “20 years of celebrating giving: thank you blood donors!” इस थीम के जरिए लाखों ब्लड डोनर्स, जिनकी वजह से हेल्थ इंडस्ट्री सुचारू रूप से ब्लड ट्रांसफ्यूजन कर पा रहे हैं, उन्हें थैंक्यू कहा जा रहा है। इसके साथ ही, WHO ने लिखा कि इस दिन के जरिए युवा लोगों और आम जनता के बीच नियमित रक्तदान की संस्कृति को बढ़ावा देने और ब्लड डोनेशन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है।