इसका असर न सिर्फ पार्टियों की सीटों पर बल्कि उनके वोट प्रतिशत पर भी देखने को मिला है।
लोकसभा चुनाव परिणाम में यूपी में काफी उलटफेर देखने को मिला है। इसका असर न सिर्फ पार्टियों की सीटों पर बल्कि उनके वोट प्रतिशत पर भी देखने को मिला है। भाजपा ने वर्ष 2014 व 2019 में अपना दल (एस) के साथ और 2024 का चुनाव अपना दल (एस) व रालोद को साथ लेकर लड़ा है। वर्ष 2014 में भाजपा गठबंधन को 73 तो वर्ष 2019 में 64 सीटें मिली थीं। जबकि इस बार भाजपा गठबंधन को महज 36 सीटें मिलीं। जो पिछली बार से 28 कम हैं।
- इस बार भाजपा गठबंधन को लगभग 42.29 फीसदी वोट मिला है। वहीं सपा ने भी लगभग हर चुनाव में अपने सहयोगी बदले हैं। इसका फायदा उसे न सिर्फ सीट के रूप में बल्कि वोट शेयर के रूप में भी हुआ है। वर्ष 2014 में सपा ने जहां रालोद के साथ चुनाव लड़ा था और पांच सीटें जीती थीं। वहीं, 2019 में उसके साथ बसपा भी जुड़ी और उसके गठबंधन की सीटें भी 15 पहुंच गई। जबकि वर्ष 2024 में वह कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ी। इसमें गठबंधन को 43 सीटें मिली हैं। इनका कुल वोट शेयर इस बार 43.05 फीसदी रहा है।
भाजपा-गठबंधन
- वर्ष 2014 में सीट व वोट प्रतिशत : भाजपा 71 सीट, अपना दल दो सीट, भाजपा का वोट प्रतिशत 42.63, अपना दल का वोट प्रतिशत 0.02 फीसदी (कुल 42.65 फीसदी)
- 2019 में सीट व वोट प्रतिशत : भाजपा को 62 सीट, अपना दल को दो सीट, भाजपा का वोट प्रतिशत 49.97, अपना दल का वोट प्रतिशत 1.21 प्रतिशत (कुल 51.18 फीसदी)
- वर्ष 2024 में सीट व वोट प्रतिशत : भाजपा को 33 सीट, अपना दल को एक सीट, रालोद को दो सीट। भाजपा का वोट प्रतिशत 41.37, अपना दल का वोट प्रतिशत 0.92 ( कुल 42.29 फीसदी)
सपा-गठबंधन
- वर्ष 2014 में सीट व वोट प्रतिशत : सपा पांच सीट, सपा व रालोद का कुल वोट 22.35 प्रतिशत
- वर्ष 2019 में सीट व वोट प्रतिशत : सपा पांच सीट, बसपा 10 सीट, सपा का वोट प्रतिशत 18.11, बसपा का वोट प्रतिशत 19.42, रालोद का वोट प्रतिशत 1.6 ( कुल वोट 38.59 फीसदी)
- वर्ष 2024 में सीट व वोट प्रतिशत : सपा 37 सीट, कांग्रेस को 6 सीट, सपा का वोट प्रतिशत 33.59, कांग्रेस का वोट प्रतिशत 9.46 ( कुल वोट 43.05 फीसदी)