गुलदार की दहशत…नई टिहरी में सीसीटीवी में कैद हुए दो गुलदार

नई टिहरी डैम टॉप के ऊपर दो गुलदार चहलकदमी करते हुए दिखाई दिए। टीएसजीसी के सीसीटीवी कैमरे में गुलदार की तस्वीर कैद हुई। वहीं कर्णप्रयाग में भी गुलदार की दहशत है।

नई टिहरी में सीसीटीवी में कैद दो गुलदार कैद हुए। वहीं कर्णप्रयाग में भी गुलदार की दहशत है। बता दें, श्रीनगर में शुक्रवार रात गुलदार ने एक तीन वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया था।गुलदार बच्चे को उठाकर घर से दूर झाड़ियों में ले गया।

अभी तक बच्चे का कोई सुराग नहीं लग पाया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस और वन विभाग की टीम बच्चे की खोजबीन में जुटी। नई टिहरी डैम टॉप के ऊपर दो गुलदार चहलकदमी करते हुए दिखाई दिए। टीएसजीसी के सीसीटीवी कैमरे में गुलदार की तस्वीर कैद हुई। काफी देर तक डैम टॉप के ऊपर गुलदार इधर-उधर भागते रहे।

वहीं कर्णप्रयाग में भी गुलदार की धमक बरकरार है। शुक्रवार रात दस बजे करीब आईटीआई वार्ड में गुलदार फिर दिखाई दिया। वनकर्मियों और स्थानीय लोगों ने पटाखे छोड़ गुलदार को भगाने की कोशिश की।

श्रीनगर डांग क्षेत्र से सटे सिंदरीगाड़ के पास झोपड-पट्टी में रह रहा तीन वर्षीय सूरज पुत्र हरिद्वारी घर के बाहर आंगन में खेल रहा था, तभी पीछे से हमला कर गुलदार बच्चे को उठा ले गया। बच्चे के परिजनों ने शोर मचाया, लेकिन गुलदार तेजी से भाग निकला। शोर सुनकर आस-पास के लोग बड़ी संख्या में मौके पर एकत्रित हुए। मूल रूप से बरेली निवासी हरिद्वारी करीब तीन माह से यहां किराये की झोपड़ी में रह रहा था।

लहसुन बेचने का करते काम
उसकी दो बेटियां और सबसे छोटा बेटा सूरज हाल ही में करीब 15 दिन पहले अपने गांव तहसील फरीदपुर गांव ढढोली नवादा बरेली, उत्तर प्रदेश से यहां आए थे। बच्चे का पिता फेरी लगाकर लहसुन बेचने का काम करता है। गुलदार के हमले के बाद से बच्चे की मां भगवान देवी व परिवार के अन्य सदस्यों का बुरा हाल है। 

बता दें कि अभी तीन माह पहले ही बुघाणी रोड पर एक बच्चे को गुलदार ने निवाला बनाया था। जबकि एक माह पहले श्रीकोट में भी एक बच्ची पर गुलदार ने हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था। जिसका इलाज एम्स ऋषिकेश से चल रहा है।

कर्णप्रयाग में गाय को बनाया निवाला

कर्णप्रयाग में भी गुलदार के आतंक से बचने के लिए लोग पटाखे छोड़ रहे हैं।आईटीआई और अपर बाजार वार्ड में आतिशबाजी की जा रही है। शुक्रवार दिन में भी गुलदार ने एक गाय को गौशाला में घुसकर  निवाला बनाया था। इससे पहले तीन और मवेशी का भी गुलदार शिकार कर चुका है। 

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