सीतापुर हत्याकांड: अजीत ने बयां की क्रूरता की कहानी, सबसे पहले भाभी को मारा

सीतापुर के पल्हापुर गांव में हुए सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले अजीत सिंह ने पुलिस की पूछताछ में उस रात की अपनी क्रूरता की पूरी कहानी बयां की है। उसने सबसे पहले अपनी भाभी के सीने में गोली मारी थी। गोली की आवाज सुनकर जब उसकी मां सावित्री पहुंची थी तो उन पर हथौड़े से वार कर घायल कर दिया था। उसके बाद अनुराग व उसके तीनों बच्चों को मौत के घाट उतारा। कुछ देर घायल मां के पास बैठा रहा। फिर अचानक उनका सिर कूंच दिया था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजीत सबसे ज्यादा खुन्नस प्रियंका सिंह से रखता था। इसलिए वह 11 मई की रात असलहा और हथौड़ा लेकर उनको ही मारने के लिए छत पर पहुंचा था। सोते वक्त ही उसने प्रियंका के सीने में गोली मार दी थी। 

गोली चलने की आवाज जब सुनाई दी तो अजीत की मां सावित्री वहां पहुंची। उनको देख उसने उन पर हथौड़े से वार कर दिया। वह घायल होकर वहीं गिर गईं। उसके बाद अनुराग के कमरे में गया। उसको दो गोलियां मारीं। फिर वह ऊपर आया। अनुराग के तीनों बच्चों की हत्या की। सबसे बाद में उसने मां को मारा।

…इसलिए मां को मार डाला
अजीत ने पुलिस को बताया है कि मां को मारने का इरादा नहीं था। लेकिन, वह अचानक से सामने आ गईं। इसलिए उसने उन पर वार कर दिया। जब अन्य सभी की हत्या कर वह मां के पहुंचा तो उनकी सांसें चल रही थीं।

अजीत ने ये भी दावा किया कि मां ने कहा था कि वह वहां से चला जाए। अजीत का कहना था कि उस पर सनक चढ़ी थी, कुछ समझ नहीं आ रहा था। ऐसा लगा कि अगर मां जिंदा रहेगी तो वह कैसे उनका सामना करेगा। ये सोचते ही अजीत ने मां सावित्री पर कई वार कर दिए।

अब तक की जांच में अजीत की ही भूमिका
पुलिस ने अजीत के अलावा उसके कई रिश्तेदार और परिचितों की भूमिका खंगाली है। सभी मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल खंगाली और लोकेशन देखी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में किसी अन्य की वारदात में भूमिका नहीं पाई गई है। जांच के मुताबिक अकेले अजीत ने पूरी वारदात को अंजाम दिया।

दरअसल, रामपुर मथुरा इलाके के पल्हापुर गांव निवासी अनुराग सिंह (45) पत्नी प्रियंका सिंह (40) और मां सावित्री (62) के अलावा तीन बच्चे बेटी अस्वी (12), अर्ना (8) और पुत्र आद्विक (4) के खून लथपथ शव मिले थे। 

इनमें से कुछ को गोली लगी थी, जबकि कुछ को हथौड़े से प्रहार कर मौत के घाट उतारा गया था। शुरुआती जांच में पुलिस ने बताया कि अनुराग ने परिवार को मारने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरी वारदात को बर्बरतापूर्ण हत्या की दिशा में मोड़ दिया है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अनुराग को दो गोलियां मारे जाने की पुष्टि हुई है। अनुराग के एक गोली दाहिनी कनपटी पर मारी गई। जो कि गले को चीरते हुए दूसरी तरफ निकल गई। वहीं दूसरी गोली बाएं तरफ से मारी गई जो कि दिमाग में जाकर फंस गई। अनुराग के दिमाग में फंसी गोली 315 बोर की थी। 

अनुराग के पोस्टमार्टम के दौरान हुए एक्सरे में गोली पाई गई। इस रिपोर्ट ने यह इशारा कर दिया है कि अनुराग की हत्या हुई है। इसके साथ ही उसकी मां सावित्री के सिर में पांच से छह चोटें आईं है। जो कि हथौड़े की होना बताई गई हैं। रिपोर्ट में यह भी निकल कर आया है कि अनुराग की दस वर्षीय बड़ी बेटी आस्वी को भी गोली मारी गई है। ऐसा माना जा रहा है जब वह लेटी थी। अथवा जब जमीन पर उसे गिराकर उसके गले में गोली मार दी गई है। 

वहीं अन्य दो बच्चों अर्ना और आद्विक को सिर में चोट के निशान मिले। अर्ना की दाहिनी जांघ की हड्डी टूटी मिली थी। वहीं आद्विक के सिर में चोट लगने के साथ उसके बाईं जांघ की हड्डी टूटी मिली। वहीं अनुराग की पत्नी प्रियंका को सीने में गोली मारने के बाद हथौड़े से कूंच कर मौत के घाट उतारा गया है।

पुलिस ने मामले में अनुराग के भाई को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या की वारदात को अंजाम देना कबूल कर लिया। तफ्तीश में तथ्य उजागर हुए हैं कि संपत्ति विवाद में अनुराग, उसकी पत्नी प्रियंका व तीन मासूमों के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी। 

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