आईएस से जुड़े इंजीनियर को 20 साल कैद, उसकी पत्नी को आठ वर्ष की सजा

पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने मुख्य आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जहानजैब सामी को 20 साल कैद की सजा सुनाई।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष कोर्ट ने भारत में राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने व प्रतिबंधित आतंकी संगठन आईएस के हिस्से इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (आईएसकेपी) से जुड़े होने पर कश्मीरी दंपती सहित पांच लोगों को सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें सात से 20 वर्ष तक की सजा सुनाई।

पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चंदर जीत सिंह ने मुख्य आरोपी सॉफ्टवेयर इंजीनियर जहानजैब सामी को 20 साल कैद की सजा सुनाई। सामी ने अपराध कबूल किया था। कोर्ट ने पाया, उसने स्वात अल हिंद, वॉयस ऑफ हिंद पत्रिका तैयार की थी। वह भोले-भाले युवा मुसलमानों को कट्टरपंथी बनाता था। अदालत ने कहा, सामी हथियार, आईईडी के रिमोट व आत्मघाती जैकेट खरीदने में भी शामिल था। उसकी पत्नी हिना बशीर बेग को आठ साल कैद की सजा सुनाई गई थी। 

एक अन्य दोषी अब्दुल्ला बासित को पहले ही पूरी की जा चुकी अवधि की सजा सुनाई। दोषी सादिया अनवर शेख सादिया, जो गिरफ्तारी के समय पत्रकारिता की छात्रा थी, को 7 साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने नबील सिद्दीक को यह कहते हुए 15 साल की सजा सुनाई कि उसने भारत में आईएसआईएस की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए धन जुटाया था। 

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