अंतरिक्ष क्षेत्र में एफडीआइ को आसान बनाने से बढ़ेंगी नौकरियां

अंतरिक्ष क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआइ) से जुड़े नियमों को आसान बनाने से विदेशी निवेशकों के साथ स्टार्टअप्स आकर्षित होंगे और टेक्नोलाजी से जुड़ी नौकरियों की मांग बढ़ेगी। विशेषज्ञों ने यह बात कही है। सरकार ने सेटेलाइट जैसे उपकरण बनाने के लिए 100 प्रतिशत विदेशी निवेश की मंजूरी दी है।

डेलाइट इंडिया के पार्टनर श्रीराम अनंतसायनम का कहना है कि हाल में एफडीआइ की सीमा वृद्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसने निजी क्षेत्र के लिए कारोबार के नए अवसर खोले हैं। आने वाले समय में इस क्षेत्र में निजी कंपनियों की संख्या दहाई अंक में पहुंच सकती है।

अत्याधुनिक टेक्नोलाजी विकसित करने के लिए करेगी मजबूर 

इंड्सला के पार्टनर रेवती मुरलीधरन का कहना है कि नई कंपनियों और रणनीतिक निवेशकों के प्रवेश से बढ़ने वाली प्रतिस्पर्धा को देखते हुए घरेलू कंपनियों को भारतीय अंतरिक्ष बाजार में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलाजी विकसित करने के लिए मजबूर करेगी।

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