एलान के बावजूद दिल्ली का घोषणा पत्र जारी नहीं कर पाये भाजपा-कांग्रेस और आप

भाजपा व कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले घोषणा पत्र तैयार करने का ऐलान किया था और उन्होंने घोषणा पत्र तैयार करने के लिए समिति भी गठित कर दी थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। आप नेताओं का पूरा ध्यान अपने नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी व उनको जेल में इलाज न मिलने के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने में लगा हुआ है।

भाजपा, आम आदमी पार्टी व कांग्रेस ने ऐलान करने के बावजूद लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली का अलग से अभी तक अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है। जबकि दिल्ली में एक माह बाद मतदान होना है। भाजपा व कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले घोषणा पत्र तैयार करने का ऐलान किया था और उन्होंने घोषणा पत्र तैयार करने के लिए समिति भी गठित कर दी थी। इस मामले में आम आदमी पार्टी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं। आप नेताओं का पूरा ध्यान अपने नेता अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी व उनको जेल में इलाज न मिलने के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने में लगा हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस ने गत 28 फरवरी को दिल्ली के अलग से न्याय संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) तैयार करने का ऐलान किया था। इस दिन कांग्रेस के नेताओं ने बताया था कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी न्याय संकल्प पत्र तैयार करेगी। यह कमेटी जनता के बीच जाकर उनकी राय लेगी। न्याय संकल्प पत्र में उनके मुद्दे और समस्याओं का समाधान शामिल किया जाएगा। मगर अभी तक इस कमेटी ने न्याय संकल्प पत्र जारी नहीं किया है। प्रदेश कांग्रेस सूत्रों के अनुसार न्याय संकल्प पत्र तैयार करने के लिए कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई है। इस कारण न्याय संकल्प पत्र के लिए जनता की राय लेने की कवायद भी शुरू नहीं हुई है। लिहाजा अब यह कमेटी आनन-फानन में कार्यालय में बैठकर ही न्याय संकल्प पत्र तैयार करेगी।

उधर, भाजपा ने भी प्रदेश कांग्रेस के ऐलान के एक दिन बाद गत 29 फरवरी को दिल्ली के लिए अलग से संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) तैयार करने की जानकारी दी थी। भाजपा नेताओं ने भी कांग्रेस की तरह संकल्प पत्र के संबंध में जनता से सुझाव लेने के लिए अभियान चलाने का ऐलान किया था। इस कड़ी में भाजपा ने एक मोबाइल नंबर जारी किया था और विभिन्न स्थानों पर सुझाव पेटी रखने की भी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी की सरकार जनता की सरकार है, इसलिए 2024 के संकल्प पत्र बनाने के लिए जनता से सुझाव लेकर उनको दिल्ली संकल्प पत्र में शामिल किया जाएगा। उनकी यह प्रक्रिया दो-तीन उम्मीदवारों की ओर से प्रचार करने के दौरान ही दिखी। जबकि भाजपा नेताओं ने प्रत्येक घर से सुझाव लेने की बात की थी। इतना ही नहीं, कांग्रेस की भांति भाजपा का भी संकल्प पत्र जारी नहीं हुआ है।

कांग्रेस ने समस्याएं खत्म करने वाला संकल्प पत्र तैयार करने का दावा किया था
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया था कि वह जनता के बीच जाकर उनकी राय लेंगे और संकल्प पत्र में उनके मुद्दे और समस्याओं का समाधान शामिल किया जाएगा। वह किसान, व्यापारी, मजदूर, संगठित व असंगठित कर्मचारी, रेहड़ी पटरी, ओबीसी, एससी, मध्यम, निम्न, पिछड़ा सहित हर वर्ग के नजरिये से संबंधित विषयों को लेकर संकल्प पत्र तैयार करेंगे। इसके अलावा संकल्प पत्र में लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा से जुड़े विषय को भी स्थान दिया जाएगा। इतना ही नहीं, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के केंद्रित पांच स्तंभ युवा, महिला, भागीदारी, श्रमिक और किसानों से जुड़े मुद्दों को समाहित किया जाएगा। इसके तहत दिल्ली के निम्न, मध्यम, पिछड़े, वंचित, औद्योगिक मजदूर, दिहाड़ी मजदूर जैसे हर वर्ग से संबंधित 50 विषयों को संकल्प पत्र में स्थान दिया जाएगा।

भाजपा ने दिल्ली की बेहतरी और समृद्धि वाला संकल्प पत्र तैयार करने का किया था ऐलान
प्रदेश भाजपा के नेताओं ने 15 मार्च तक संकल्प पत्र के लिए जनता की राय लेने का अभियान चलाने का ऐलान किया था। लिहाजा उसका सुझाव लेेने का अभियान खत्म हो चुका है। मगर अभी तक उसका संकल्प पत्र जारी नहीं हुआ है। भाजपा ने संकल्प पत्र तैयार करने के लिए पूर्व राज्यपाल जगदीश मुखी के नेतृत्व में एक कमेटी बना रखी है। भाजपा नेताओं ने घोषणा की थी कि संकल्प पत्र तैयार करने के लिए सामाजिक संस्थानों, बाजारों, व्यापारिक संस्थानों, खिलाड़ियों, शिक्षकों, रंगमंच अभिनेताओं तक पहुंचकर उनसे सुझाव लिया जाएगा। इसके अलावा उनसे दिल्ली एवं देश को बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे जाएगे।

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