बच्चों की उम्र नौ से 12 वर्ष के बीच है। सभी को लखनऊ के मुमताज शरणालय में रखा गया है। पुलिस मौलवियों से पूछताछ कर पूरे रैकेट की जानकारी हासिल करने में जुटी है।
बिहार के विभिन्न जिलों से 99 बच्चों को बस से सहारनपुर ले जा रहे पांच मौलवियों को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सक्रियता से मानव तस्करी विरोधी इकाई ने शुक्रवार को पकड़ लिया। बच्चों की उम्र नौ से 12 वर्ष के बीच है। सभी को लखनऊ के मुमताज शरणालय में रखा गया है। पुलिस मौलवियों से पूछताछ कर पूरे रैकेट की जानकारी हासिल करने में जुटी है।
आयोग की सदस्य डाॅ. शुचिता चतुर्वेदी ने बताया कि मिशन मुक्ति फाउंडेशन नई दिल्ली के निदेशक वीरेंद्र सिंह की सूचना पर बिहार के अररिया और पूर्णिया से लाए जा रहे बच्चों को सुरक्षित बचाया गया।
बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. शुचिता चतुर्वेदी को सूचना मिली थी कि बिहार के अररिया और पूर्णिया से सहारनपुर के देवबंद में कई बच्चों को अवैध तरीके से ले जाया जा रहा है। उन्होंने सूचना एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को दी। इसके बाद यूनिट और अयोध्या पुलिस की टीम ने शहर के बड़ी देवकाली स्थित हाईवे पर एक बस को रोका। बस में 95 बच्चे मिले। उनके साथ पांच मौलवी थे। संयुक्त टीम सभी बच्चों और मौलवी को पूछताछ के लिए सिविल लाइन ले गई, जहां घंटों तक पूछताछ हुई।
कई अनाथ
सूत्रों के अनुसार, बच्चे नहीं जानते, उन्हें कहां ले जा रहे थे। मौलवी की ओर से दी गई जानकारी भी झूठी निकली। बाल कल्याण समिति के सर्वेश अवस्थी ने बताया, बच्चों के माता पिता का नाम व सहमति पत्र भी मौलवियों के पास नहीं है। कई बच्चे अनाथ भी हैं। मौलवी पुलिस को गुमराह करते रहे।