बताया जा रहा कि एलजी की ओर से अब तक पीठासीन अधिकारी नामित न होने के पीछे वजह ये है कि एलजी के पास जो फाइल भेजी गई है उस पर सीएम केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
मेयर चुनाव के लिए बुधवार शाम भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल गई, लेकिन एलजी की ओर से अभी तक पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया गया है। ऐसे में बृहस्पतिवार शाम तक साफ हो जाएगा कि शुक्रवार को मेयर का चुनाव होगा या नहीं।
डीएमसी एक्ट की धारा 36-ए के मुताबिक, अगले मेयर के कुर्सी संभालने तक पुराने मेयर के पास ही जिम्मेदारियां रहेंगी। निगम के कामकाज पहले की तरह चलते रहेंगे। नए मेयर के चुनाव होने तक सदन की कोई बैठक आयोजित नहीं होगी। नए वित्त वर्ष के पहले महीने की पहली बैठक में ही हर हाल में मेयर का चुनाव कराने का प्रावधान है। यदि 26 अप्रैल को मेयर का चुनाव नहीं होगा तो ये डीएमसी एक्ट की अवहेलना होगी।
आज शाम पांच बजे तक होगी स्थिति साफ
निगम सचिव कार्यालय ने जानकारी दी है वे चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन अभी एलजी कार्यालय से भी कोई निर्देश नहीं आया है। बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक ये साफ हो जाएगा कि शुक्रवार को मेयर का चुनाव होगा या नहीं।
बताया जा रहा कि एलजी की ओर से अब तक पीठासीन अधिकारी नामित नहीं होने के पीछे वजह ये है कि एलजी के पास इससे संबंधित जो फाइल भेजी गई है, उस पर सीएम केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।