बिहार में क्यों गिरा वोट प्रतिशत? आगे के चरणों के मतदान में क्या रहेगा मौसम का हाल

लोकसभा चुनाव के पहले चरण में गया, औरंगाबाद, नवादा और जमुई में पिछले चुनाव (2019) की तुलना में मतदान का प्रतिशत कम रहा। यह काफी चौंकाने वाला था। कुछ लोग इसे वोटर के मन में प्रत्याशियों और पार्टियों के प्रति उदासीनता बता रहे। कुछ इसे मौसम की मार बता रहे हैं। एक बूथ पर तो मतदानकर्मी के नाक से खून तक निकल गया। कारण बताया कि अत्यधिक गर्मी वह झेल नहीं पाए इसलिए उनकी तबीयत बिगड़ गई। मतदान के दिन कड़ी धूप में लोग निकलने कतराते रहे। 42 डिग्री तापमान ने मतदाताओं को परेशान कर दिया।

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19 अप्रैल को कम मतदान प्रतिशत का ठीकरा गर्मी और लू पर फोड़ा जा रहा है। सात चरणों के मतदान में अभी 6 चरणों का मतदान होना बाकी है। अंतिम चरण का मतदान एक जून को होगा। ऐसे में अमर उजाला संवाददाता ने मौसम विभाग के पटना निदेशक सुनील नारायण थूल से मौसम संबंधित विषयों पर वर्ष 2019 के चुनाव का प्रभाव और वर्ष 2024 के मौसम के कारण चुनाव के प्रभाव से संबंधित विषयों पर विस्तार से बातचीत की। मौसम विभाग के निदेशक ने बताया कि साल 2019 की अपेक्षा 2024 में अधिक गर्मी पड़ रही है। प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो चुका है और आने वाले 6 चरणों में मौसम की स्थिति और भी भयावह होगी। अप्रैल माह के अंत से राजधानी पटना सहित बिहार के अधिकांश भागों में गर्मी अपना विकराल रूप दिखाएगा। बिहार के कई जिलों में कड़ी धूप और लू के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

2019 के अप्रैल महीने में गया का तापमान 42 से 45 डिग्री था
मौसम निदेशक के अनुसार वर्ष 2019 में गया का अधिकतम तापमान 44.9 डिग्री तक चला गया था। बिहार के मौसम की भौगोलिक स्थिति को मौसम विभाग दो भागों में बांट कर देखा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि गंगा के ऊपरी भाग को उत्तरी भाग एवं निकली भाग को दक्षिणी भाग के रूप में बांटा हुआ है। उत्तरी भाग में पूर्णिया सहित हिमालय की तराई में बसे जिले हैं, जबकि निकली दक्षिण भाग में गया, औरंगाबाद सहित कई जिले पड़ते हैं, जहां अप्रैल, मई और जून में अत्यधिक गर्मी पड़ती है।  आंकड़ें पर गौर करें तो वर्ष 2019 के अप्रैल माह में बिहार के जिलों में पटना जिला का तापमान 37 से 44 डिग्री सेल्सियस, गया का 42 से 45, भागलपुर का 42 से 44, पूर्णिया का 35 से 38, सबौर 38 से 40, मुजफ्फरपुर 36 से 39, छपरा 38 से 40, डेहरी 40 से 44, फारबिसगंज 33 से 35, सुपौल 35 से 38, दरभंगा 38 से 40 डिग्री सेल्सियस रहा। जबकि मई महीने का तापमान वर्ष 2019 में पटना 42 से 44 डिग्री सेल्सियस, गया 42 से 45 ,भागलपुर 40 से 42, पूर्णिया 35 से 38, सबौर 38 से 40, मुजफ्फरपुर 38 से 40, छपरा 38 से 40, डेहरी 40 से 42, फारबिसगंज 35 से 37, सुपौल 35 से 37, दरभंगा 38 से 40 डिग्री सेल्सियस तक तापमान रिकार्ड किया गया।

लू चलने से लोगों परेशानी का समना करना पड़ सकता है
मौसम विभाग ने कहा कि अप्रैल में वर्ष 2024 का तापमान 38 से 42 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। वहीं तापमान में महीने में वर्ष 2024 में 42 से 44 के बीच जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस बीच अप्रैल के अंत से लू चलने से लोगों परेशानी का समना करना पड़ सकता है। अधिकतम तापमान बढ़ेगा।

देखें गया, नवादा, औरंगाबाद, जमुई का मतदान प्रतिशत
बिहार की चार उन्हीं लोकसभा सीटों पर पहले चरण में मतदान हुआ, जहां 2019 में वोटिंग हुई थी। इस बार वोट प्रतिशत औंधे मुंह गिर गया। आधे वोटरों ने भी मतदान नहीं किया। पिछले चुनाव में बिहार की इन चार सीटों पर औसतन 53.47 फीसदी वोट पड़े थे, इस बार निर्वाचन आयोग के अंतिम आंकड़ों से पहले अनुमान में यह प्रतिशत 48.23 तक ही पहुंच सका। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास के अनुसार, इस बार सबसे अधिक मतदान गया में 52 फीसदी, जमुई और औरंगाबाद में 50-50 फीसदी मतदान हुआ। वहीं सबसे कम मतदान नवादा में 41 प्रतिशत मतदान हुआ। 2019 के चुनाव में इन चारों लोकसभा सीटों पर कुल 53.47 फीसदी मतदान हुआ था। नवादा में 49.33 फीसदी, गया में 56.16 फीसदी, जमुई में 55 फीसदी और औरंगाबाद में 53.63 फीसदी मतदान हुआ था।

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