राजधानी की सात लोकसभा सीटों में से एक पूर्वी दिल्ली से अब तक कोई महिला प्रत्याशी जीत हासिल नहीं कर सकी है। यहां से कुल 19 महिला प्रत्याशियों ने दांव लगाया लेकिन कोई भी महिला प्रत्याशी जीत का खाता नहीं खोल सकी। पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने किसी महिला प्रत्याशियों को सांसद में रूप में नहीं चुना है।
वहीं, चुनावों में इस बार किसी राजनीतिक पार्टी ने अपना दांव महिलाओं पर नहीं खेला है। इस लोकसभा क्षेत्र को अस्तित्व में आने के बाद कुल 14 चुनाव हो चुके हैं। इनमें से नौ चुनावों में महिला प्रत्याशियों ने अपना भाग्य आजमाया है, लेकिन किसी चुनाव में उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी।
इसी सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आप नेता आतिशी को हार का सामना करना पड़ा था। 1984 में पहली बार दो महिला चुनावी मैदान में उतरी थी। इनमें क्रांति तिवारी और हेमा भंडारी शामिल थी। लोकसभा चुनाव में क्रांति को 916 और हेमा को 506 मत मिले थे। इसके बाद 1999 के चुनाव को छोड़ दें तो सभी में महिलाएं मैदान में उतरीं। इस लोकसभा क्षेत्र में सबसे पहला चुनाव वर्ष 1967 में हुआ, उसमें तीन पुरुष प्रत्याशी मैदान में थे। वर्ष 1971, 1977 और 1980 में भी कोई महिला चुनावी महासमर में भाग्य आजमाने नहीं उतरी।
शीला दीक्षित ने पाए थे सबसे अधिक मत
पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के इतिहास में सबसे अधिक मत लेने वाली महिलाओं में शीला दीक्षित पहले नंबर पर हैं। वह वर्ष 1998 में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव लड़ी थीं। उन्हें पांच लाख 17 हजार 721 मत मिले थे। इसके साथ पर दूसरे स्थान पर रही थीं। उस साल भाजपा के लाल बिहारी तिवारी सांसद चुने गए थे।